ज़िला अनूपपुर ब्लॉक पुष्पराजगढ़ के ग्राम पयारी मे अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम सम्पन्न हुआ ll लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के नेतृत्व मे दिनांक 15/06/2025 को ज़िला अनूपपुर ग्राम - पयारी ब्लॉक पुष्पराजगढ़ मे ज़िला स्तरीय अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम सम्पन्न हुआ ll जहाँ लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के संस्थापक श्री दशरथ प्रसाद अगरिया उपस्थित हुए ll
अगरिया जनजाति समाज के दस्तावेज मे हुए त्रुटि सुधार को लेकर ज्ञापन सौपे एवं अगरिया जनजाति को विशेष पिछड़ी जनजाति मे शामिल करने की मांग पर, तथा अगरिया जनजाति के संरक्षण पर ज्ञापन सौपे ll लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन ज़िला इकाई रायगढ़ की टीम ll
अगरिया जनजाति समाज को विशेष पिछड़ी जनजाति समाज मे शामिल किये जाने :- को लेकर बताया गया की अगरिया जनजाति समाज आज के इस आधुनिक परिवेश मे सबसे पिछड़ा समाज है सरकार द्वारा जिन जनजाति समाज को विशेष पिछड़ी जनजाति समाज(PVGT) का दर्जा दिया गया है उन जनजाति समाज से भी अति पिछड़ा समाज अगरिया जनजाति समाज है, शिक्षा, व्यवसाय, नौकरी तथा सामाजिक रहन सहन मे अगरिया जनजाति समाज पिछड़ा समाज है ll आज इस अगरिया जनजाति समाज को भारत सरकार,राज्य सरकार के संरक्षण एवं आशीर्वाद की आवश्यकता है इस जनजाति समाज को जागरूक करने की आवश्यकता है ll अगरिया जनजाति समाज का मानना है की सरकार अगरिया जनजाति समाज का सर्वे ले (शिक्षा, व्यवसाय, नौकरी सामाजिक रहन सहन को आधार मानकर) उस स्थिति मे यदिllअगरिया समाज अन्य समाजो से पिछड़ा पाया जाता है तो सरकार से हमारी मांग है की अगरिया जनजाति समाज को विशेष पिछड़ी जनजाति समाज मे शामिल किया जाए ll
अगरिया जनजाति के संरक्षण को लेकर ज्ञापन सौपा गया:- उक्त के सम्बन्ध रायगढ़ छत्तीसगढ़ ज़िला इकाई अगरिया समाज के कार्यकर्ताओ ने बताया गया की अगरिया जनजाति समाज की संस्कृति, कल्चर, परम्परा, रीति रीवाज परम्परा को दिखाते हुए कुछ लोहार समुदाय अगरिया जनजाति समाज मे शामिल किये जाने की. मांग सरकार से कर रहे हैll अगरिया जनजाति समाज अपने संस्कृति,रहन सहन,कल्चर, रीति रिवाज गौत्र, एवं सामाजिक रिस्तेदारी से पहचाना जाता है ll अगरिया समाज आदिम काल से लौह अयस्क (लौह पत्थर) से अपने पारम्परिक तरीके से भट्ठी चेपूआ के माध्यम से लोहा गलाता रहा है और इस देश दुनिया समाज मे लोहा बनाने की संस्कृति को जन्म दिया जिस संस्कृति को अपनाकर आज बड़ी बड़ी कम्पनिया लोहा का उत्पादन कर रहे है जबकि इस कल्चर को जन्म देने वाली जनजाति अगरिया जनजाति है ll अगरिया जनजाति अपने बनाये लोहे से अपने जीवन यापन के लिए क़ृषि एवं घरेलु उपयोगी सामग्री बनाता है और अपना जीवन यापन करता है ll जिसे देखकर कुछ लोहार सामुदाय भी अपने आपको कहते है हम भी अगरिया है ll और सरकार से मांग कर रहे है की लोहार समुदाय को अगरिया समाज मे शामिल किया जाय उनके लोहार समबंधित दस्तावेज जैसे, राजस्व रिकॉर्ड, आदि मे अगरिया सुधार किया जाए ll उक्त के सम्बन्ध मे लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन का कहना है की ये फाउंडेशन अगरिया जनजाति समाज के उत्थान विकास का संस्था है जहाँ इस फाउंडेशन की ओर से ज़िला ज़िला मे अगरिया समाज की समिति बनाया गया है जो इस बात की पुष्टि करते है की अगरिया कौन है लोहार कौन है अगरिया जनजाति की रिस्तेदारी कहाँ कहाँ ज़िला मे या अन्य जिलों मे है ll इन सब को देखते हुए अगरिया जनजाति समाज के भविष्य को देखते हुए अगरिया समाज के लोगो का मानना है की अगरिया समाज का संरक्षण जरूरी है और हम ज़िला के लोग ही वेरिफिकेशन करेंगे की कौन अगरिया समाज से है ll
अगरिया जनजाति समाज के दस्तावेज मे हुए त्रुटि मे सुधार के सम्बन्ध मे ज्ञापन :- के बारे ज़िला रायगढ़ के अगरिया समाज के कार्यकर्त्ताओं ने बताया की हमारे ही लोगो के कुछ रिस्तेदारी मे त्रुटिवश उनके राजस्व रिकॉर्ड मे अगरिया के स्थान पर लोहार तथा चोक जैसे जाती अंकित हो गए है जो वास्तव मे अगरिया है जिनका पहचान हमारे द्वारा किया जा रहा है जिनकी रिश्तेदारी हमारे अगरिया समाज हम लोग से है तथा संस्कृति एवं बेटी रोटी का सम्बन्ध है ll लेकिन इनके दस्तावेज मे त्रुटि हो जाने से बच्चों के जाती प्रमाण पत्र नहीं बन रहे है एवं बच्चों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है ll जिनके दस्तावेज मे सुधार हेतु ज्ञापन सौपा गया है ll
ज्ञापन सौपने ज़िला रायगढ़ की टीम से जीवन अगरिया, उबरन अगरिया, टोप लाल अगरिया, चूड़ामणि अगरिया, सागर अगरिया, उमेश अगरिया, दिलबोध अगरिया, प्रेमशंकर अगरिया सहित कई टीम के लोग रहे ll
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