अगरिया जनजाति (Agariya Tribe) भारत की एक परंपरागत आदिवासी जनजाति है, जो मुख्य रूप से लोहा गलाने और लोहा बनाने की पारंपरिक तकनीक के लिए जानी जाती है। यह जनजाति मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों में पाई जाती है। अगरिया समाज में कई गोत्र (वंश या कुल) पाए जाते हैं। इन्हीं में से एक प्रमुख गोत्र है “सोनवानी गोत्र”। सोनवानी गोत्र का परिचय:- 1. अर्थ और मान्यता – “सोनवानी” शब्द दो भागों से मिलकर बना है – सोना (स्वर्ण) और वानी/वानीया (जल या पवित्रता से जुड़ा अर्थ)। इस गोत्र का संबंध पवित्रता और स्वर्णिम परंपरा से जोड़ा जाता है। 2. सामाजिक स्थान – सोनवानी गोत्र को अगरिया समाज में एक सम्मानजनक गोत्र माना जाता है। इस गोत्र के लोग पारंपरिक रूप से समाज के धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यों में अग्रणी भूमिका निभाते रहे हैं। 3. विशेषता – सोनवानी गोत्र के लोग प्रायः शुद्धता और नियमों के पालन में माने जाते हैं। विवाह आदि अवसरों पर यह गोत्र विशिष्ट धार्मिक जिम्मेदारी निभाता है। अन्य गोत्रों की तरह, यह गोत्र भी अपने अंदर विवाह संबंध नहीं करता (गोत्रांतर्गत विवाह निषिद्ध है)। 4. अगरिया ...
मप्र में सरकारी भर्ती में आरक्षण नयी व्यवस्था उक्त जानकारी पत्रिका न्यूज़ के आधार पर है तो आइये जानते है - वर्तमान में आरक्षण के भारी विवाद के चलते मध्यप्रदेश सरकार ने भर्ती में आरक्षण व्यवस्था नए पैटर्न लागू कर दिया है। इसे 100 बिंदु रोस्टर का नाम दिया गया है। इस सम्बन्ध के सभी विभागों को आदेश जारी किया है की नयी भर्ती में वर्तमान रोस्टर के आधार पर आरक्षण तय किया जायगा। मध्यप्रदेश सरकार ने हाल ही में ओ बी सी अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण 14 प्रतिशत से बढाकर 27 प्रतिशत कर दिया है। यही नहीं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था लागू कर दी गयी है। इसके बाद राज्य स्तरीय रोस्टर बदलाव हेतु मंथन करते हुए मप्र सरकार ने इन दोनों वर्गो को शामिल करते हुए नया रोस्टर जारी किये और सभी विभागों को कहा गया की नयी नियुक्तियों में इसी को आधार माना जाय। अनारक्षित प्रथम और ओ बी सी (पिछड़ा वर्ग )दुसरे क्रम पर -100 बिंदु नए रोस्टर में सबसे पहले अनारक्षित वर्ग और दुसरे क्रम में ओ बी सी तीसरे में अनुसूचित...