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नवोदय विद्यालय मे 2026-27 मे कक्षा 9 मे प्रवेश हेतु फार्म भरना सुरु हो चुका है ll

9th me प्रवेश हेतु नवोदय की वेबसाइट सत्र 2026-27 मे जो बच्चे कक्षा 9 मे नवोदय विद्यालय मे प्रवेश लेना चाहते है उनके लिए खुसखबरी है की 9th प्रवेश हेतु ऑनलाइन आवेदन भरना सुरु हो चुका है ll इसलिए बिना देर किये जल्द से जल्द नवोदय विद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन भरे ll आवेदन कौन भर सकता है :- आवेदन भरने के लिए 2025-26 मे कक्षा 8 का छात्र होना आवश्यक है और आप जिस राज्य और जिले से होंगे आपको आवेदन भरने के दौरान वही राज्य और ज़िला चुनना होगा ll आवेदन भरने के लिए जरुरी दस्तावेज क्या लगेगा :- आवेदन भरने के लिए कोई खास दस्तावेज नहीं लगना है केवल छात्र की फोटो,  छात्र का हस्ताक्षर, एवं पिता या माता का पालक का हस्ताक्षर लेकर आप नवोदय विद्यालय के कक्षा 9 मे सत्र 2026-27 मे प्रवेश हेतु आवेदन कर सकते है ll आवेदन भरने की अंतिम तिथि क्या है :- नवोदय विद्यालय कक्षा 9 मे 2026-27 मे प्रवेश हेतु अंतिम तिथि 23 सितम्बर 2025 निर्धारित किया गया है ll निर्धारित तिथि तक आवेदन किया जा सकता है ll  आवेदन भरने के उपरांत चयन की प्रक्रिया क्या होगी :-  आवेदन भरने के उपरांत...

अगरिया समुदाय

अगरिया आदिवासी के बारे मे ll 👇🏽👇🏽👇🏽👇🏽👇🏽👇🏽👇🏽👇🏽👇🏽 यह तस्वीर अगरिया समुदाय के पारम्परिक तरीके से लोहा गलाने की प्रक्रिया को दर्शाती है। इसमें एक मिट्टी और पत्थर से बना भट्ठा है, जिसमें जलता हुआ कोयला और चमकता हुआ पिघला हुआ लोहा दिखाई दे रहा है। चार लोग इस प्रक्रिया में लगे हुए हैं—एक महिला धौंकनी (bellows) चला रही है, एक व्यक्ति पिघले हुए लोहे को छड़ से नियंत्रित कर रहा है, और अन्य लोग प्रक्रिया को देख रहे हैं। उनके कपड़े पारंपरिक और रंगीन हैं, जो ग्रामीण परिवेश को जीवंत बनाते हैं। अगरिया जनजाति का इतिहास यही है जो पूर्व काल मे जंगल मे निवास करते करते अपने जीवन यापन के लिए लौह अयस्क (लौह पत्थर) से अपने पारम्परिक पद्धति से कोठी और भट्ठी से लोहा बनाया ll इस दुनिया मे सबसे पहले लोहा बनाने की संस्कृति को जन्म देने वाली जनजाति अगरिया जनजाति है ll आज इस संस्कृति को अपना कर कई कंपनी लोहा का उत्पादन कर रहे है ll अगरिया जनजाति आज के इस आधुनिक समाज मे भी एक पिछड़ा हुआ आदिवासी समाज है ll मध्यप्रदेश शासन एवं भारत सरकार को अगरिया जनजाति समाज को बेहतर स्थिति मे लाने के ल...

विधायक पंडरिया को ज़िला इकाई कबीरधाम छ.ग की टीम ने ज्ञापन सौपा ll अगरिया जनजाति की समस्याओ को लेकर ll लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन

आज दिनांक 05/01/2025 को ज़िला इकाई कबीरधाम छत्तीसगढ़ लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन की टीम ने ज़िला कबीरधाम छत्तीसगढ़ के ब्लॉक पंडरिया विद्यायक माननीय श्री मति भावना बोहरा जी को ज्ञापन सौपे  अगरिया जनजाति की समस्याओ को लेकर ll  अगरिया जनजाति समाज जो की आदिम काल की जनजाति जिनकी संस्कृति वास्तव मे आज किसी नाम, पहचान की मौताज नहीं है लेकिन ये इस समाज का दुर्भाग्य है की ये अगरिया जनजाति समाज आज सबसे पिछड़ा समाज है, समाज आज शिक्षा, व्यवसाय, नौकरी हर स्तर से पिछड़ा हुआ है ll अगरिया जनजाति समाज जिसकी संस्कृति लौह अयस्क से लोहा बनाना है ये वही जनजाति है जिसने लोहा बनाने की संस्कृति को जन्म दिया, सबसे पहले इस जनजाति ने जंगल मे रहते हुए लौह अयस्क (लौह पत्थर) को पहचाना और पारम्परिक तरीके से लोहा बनाया और इस देश दुनिया समाज को लोहा जैसे चमत्कारी धातु से अवगत करायाll आज अगरिया जनजाति समाज की संस्कृति को अपना कर कई बड़े बड़े कंपनी लोहा बना रहे है ll लेकिन इस लोहा बनाने की संस्कृति को जन्म देने वाली जनजाति अगरिया जनजाति ही है ll ऐसा वैज्ञानिक अगरिया जनजाति समाज जिसका इस देश समाज ...