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दिनांक 08/12/2025 को गढ़वा झारखंड के कार्यकर्त्ता साथियों ने ज़िला कलेक्टर को सौपा ज्ञापन (लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के नेतृत्व मे)

लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के नेतृत्व मे ज़िला इकी गढ़वा झारखंड के कार्यकर्ता साथियों ने अगरिया जनजाति समाज की समस्याओ को लेकर सौपे ज्ञापन ll 👇 दिनांक 08/12/2025 को ज़िला - गढ़वा झारखंड के कार्यकर्त्ता स्वजातीय बंधुओ ने ज़िला ज़िला कलेक्टर को अगरिया जनजाति समाज को विशेष पिछड़ी जनजाति मे शामिल किये जाने को लेकर ज्ञापन सौपे ll गढ़वा जिलाध्यक्ष श्री शिवशंकर अगरिया जी ने बताया की अगरिया समाज हमारा अत्यंत पिछड़ा हुआ समाज है इस समाज का रहन सहन अत्यंत न्यून है, समाज मे शिक्षा का स्तर शून्य है, इस समाज के लोग ना तो नौकरी मे है ना ही व्यावसायिक है ll अगरिया जनजाति समाज के स्तर को बेहतर बनाने के लिए भारत सरकार एवं राज्य सरकार को ध्यान देना पड़ेगा तभी ये समाज अन्य समाजो की तरह बेहतर हो सकेगा ll शिक्षा, नौकरी मे विशेष आरक्षण की आवश्यकता है ll ज्ञापन सौपने गढ़वा जिलाध्यक्ष श्री शिवशंकर अगरिया जी, उपाध्यक्ष श्री संजय अगरिया जी, अमरनाथ अगरिया जी सहित कई स्वजातीय बंधु ने अपनी भूमिका निभाई ll... #

अगरिया जनजाति के पूर्व जनगणना आधारित कुछ आंकड़े (Some data based on pre-census of Agariya tribe)

 अगरिया जनजाति के पूर्व जनगणना आधारित कुछ आंकड़े  वर्ष १८८१ में पूरे भारत वर्ष में अगरियो की संख्या 210918 मिली थी जिसमे सिर्फ 22957 मध्य प्रान्त में ही थे।  निश्चित रूप से वे खेती करनेवाले अघरिया समुदायों के साथ भ्रमित हो गए।  वर्ष 1891 में जब मध्यप्रांत में जनगणना कमिश्नर सर बेंजामिन राबर्टसन थे तो अगरियों  की तीन वर्ग में गणना की गयी थी।  गोंड आदिवाशियों के अंतर्गत अगरिया =0326  लोहार अगरिया =2380  लोहा बनाने वाले अगरिया =2470  अगर इन आंकड़ों की बात करे तो 414 गोंडी अगरिया तथा लोहा गलाने वाले अन्य 242 की संख्या को भी जोड़ा जाना चाहिए।  वर्ष 1891 पूरे प्रदेश में (सेन्ट्रल प्रोविंस ) में जहा कुल 84112 लोहार थे उसमे से 3070 व्यक्तियों को लोहा गलाने व बनाने के धंधे में लगा हुआ बतलाया गया था। सागर ,जबलपुर तथा दमोह जिलों में कोंडा गोंड (१२७४)  अगरिया और कही कही गोंड भी पाए जाते है। लोहार जाती में एक उपवर्ग था जो अगरिया कहलाता था जो मुख्य रूप से जबलपुर में पाए जाते थे। तथा सतपुड़ा  जिलों में गोंडी लोहारो संख्या 4679 थी।  ये द...