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लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के संस्थापक

दशरथ प्रसाद अगरिया निवास ज़िला - अनूपपुर  राज्य - मध्यप्रदेश 

ज़िला छिंदवाड़ा (मध्यप्रदेश)5 जून विश्व पर्यावरण दिवस पर वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम राष्ट्रीय लौह प्रगलक अगरिया समाज महासंघ भारत मे मार्गदर्शन मे ll

5 जून विश्व पर्यावरण दिवस पर वृक्षारोपण ज़िला छिंदवाड़ा मध्यप्रदेश मे (अगरिया समाज संगठन भारत के नेतृत्व मे ) 🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴 पहाड़ , जंगल, ज़मीन, आदिवासियों की धरोहर पूर्व से ही रही है,आदिवासी अनादिकाल से ही प्रकृति प्रेमी रहे है  पर्यावरण को को संरक्षित करना एवं अपने जीवन यापन के लिए आदिवासी हमेशा से पर्यावरण पर निर्भर रहा है अब अगर हम अगरिया जनजाति की बात करें तो अगरिया जनजाति का सीधा सम्बन्ध प्रकृति से पूर्व से ही रहा है, आप सभी जानते है की अगरिया जनजाति ने लौह अयस्क जैसे पत्थर, लकड़ी, बालू इत्यादि से लोहा बनाया और दुनिया को सबसे पहले अवगत कराया यानी की लोहा बनाने वाली सबसे पहली जनजाति अगरिया जनजाति ही है ll यानि की अगरिया आदिवासी पूर्व से ही जंगलो मे निवास करते थे और अपने जीवन यापन के लिए जंगलो पर निर्भर रहते थे, जहाँ से उनको लौह अयस्क एवं लौह प्रगलन हेतु कई सुविधा मिलता रहा है जिससे अगरिया जनजाति अपना जीवन यापन करते थे ll यानि की कहे तो अगरिया जनजाति का सीधा सम्बन्ध प्रकृति, पर्यावरण से रहा है अब जहाँ अगरिया जनजाति का ज़ब सीधा सम्बन्ध पर्यावरण से रहा है तो पर्यावरण...