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नवोदय विद्यालय मे 2026-27 मे कक्षा 9 मे प्रवेश हेतु फार्म भरना सुरु हो चुका है ll

9th me प्रवेश हेतु नवोदय की वेबसाइट सत्र 2026-27 मे जो बच्चे कक्षा 9 मे नवोदय विद्यालय मे प्रवेश लेना चाहते है उनके लिए खुसखबरी है की 9th प्रवेश हेतु ऑनलाइन आवेदन भरना सुरु हो चुका है ll इसलिए बिना देर किये जल्द से जल्द नवोदय विद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन भरे ll आवेदन कौन भर सकता है :- आवेदन भरने के लिए 2025-26 मे कक्षा 8 का छात्र होना आवश्यक है और आप जिस राज्य और जिले से होंगे आपको आवेदन भरने के दौरान वही राज्य और ज़िला चुनना होगा ll आवेदन भरने के लिए जरुरी दस्तावेज क्या लगेगा :- आवेदन भरने के लिए कोई खास दस्तावेज नहीं लगना है केवल छात्र की फोटो,  छात्र का हस्ताक्षर, एवं पिता या माता का पालक का हस्ताक्षर लेकर आप नवोदय विद्यालय के कक्षा 9 मे सत्र 2026-27 मे प्रवेश हेतु आवेदन कर सकते है ll आवेदन भरने की अंतिम तिथि क्या है :- नवोदय विद्यालय कक्षा 9 मे 2026-27 मे प्रवेश हेतु अंतिम तिथि 23 सितम्बर 2025 निर्धारित किया गया है ll निर्धारित तिथि तक आवेदन किया जा सकता है ll  आवेदन भरने के उपरांत चयन की प्रक्रिया क्या होगी :-  आवेदन भरने के उपरांत...

ज़िला छिंदवाड़ा (मध्यप्रदेश)5 जून विश्व पर्यावरण दिवस पर वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम राष्ट्रीय लौह प्रगलक अगरिया समाज महासंघ भारत मे मार्गदर्शन मे ll

5 जून विश्व पर्यावरण दिवस पर वृक्षारोपण ज़िला छिंदवाड़ा मध्यप्रदेश मे (अगरिया समाज संगठन भारत के नेतृत्व मे ) 🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴 पहाड़ , जंगल, ज़मीन, आदिवासियों की धरोहर पूर्व से ही रही है,आदिवासी अनादिकाल से ही प्रकृति प्रेमी रहे है  पर्यावरण को को संरक्षित करना एवं अपने जीवन यापन के लिए आदिवासी हमेशा से पर्यावरण पर निर्भर रहा है अब अगर हम अगरिया जनजाति की बात करें तो अगरिया जनजाति का सीधा सम्बन्ध प्रकृति से पूर्व से ही रहा है, आप सभी जानते है की अगरिया जनजाति ने लौह अयस्क जैसे पत्थर, लकड़ी, बालू इत्यादि से लोहा बनाया और दुनिया को सबसे पहले अवगत कराया यानी की लोहा बनाने वाली सबसे पहली जनजाति अगरिया जनजाति ही है ll यानि की अगरिया आदिवासी पूर्व से ही जंगलो मे निवास करते थे और अपने जीवन यापन के लिए जंगलो पर निर्भर रहते थे, जहाँ से उनको लौह अयस्क एवं लौह प्रगलन हेतु कई सुविधा मिलता रहा है जिससे अगरिया जनजाति अपना जीवन यापन करते थे ll यानि की कहे तो अगरिया जनजाति का सीधा सम्बन्ध प्रकृति, पर्यावरण से रहा है अब जहाँ अगरिया जनजाति का ज़ब सीधा सम्बन्ध पर्यावरण से रहा है तो पर्यावरण...