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नवोदय विद्यालय मे 2026-27 मे कक्षा 9 मे प्रवेश हेतु फार्म भरना सुरु हो चुका है ll

9th me प्रवेश हेतु नवोदय की वेबसाइट सत्र 2026-27 मे जो बच्चे कक्षा 9 मे नवोदय विद्यालय मे प्रवेश लेना चाहते है उनके लिए खुसखबरी है की 9th प्रवेश हेतु ऑनलाइन आवेदन भरना सुरु हो चुका है ll इसलिए बिना देर किये जल्द से जल्द नवोदय विद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन भरे ll आवेदन कौन भर सकता है :- आवेदन भरने के लिए 2025-26 मे कक्षा 8 का छात्र होना आवश्यक है और आप जिस राज्य और जिले से होंगे आपको आवेदन भरने के दौरान वही राज्य और ज़िला चुनना होगा ll आवेदन भरने के लिए जरुरी दस्तावेज क्या लगेगा :- आवेदन भरने के लिए कोई खास दस्तावेज नहीं लगना है केवल छात्र की फोटो,  छात्र का हस्ताक्षर, एवं पिता या माता का पालक का हस्ताक्षर लेकर आप नवोदय विद्यालय के कक्षा 9 मे सत्र 2026-27 मे प्रवेश हेतु आवेदन कर सकते है ll आवेदन भरने की अंतिम तिथि क्या है :- नवोदय विद्यालय कक्षा 9 मे 2026-27 मे प्रवेश हेतु अंतिम तिथि 23 सितम्बर 2025 निर्धारित किया गया है ll निर्धारित तिथि तक आवेदन किया जा सकता है ll  आवेदन भरने के उपरांत चयन की प्रक्रिया क्या होगी :-  आवेदन भरने के उपरांत...

अगरिया आदिवासी समुदाय की उत्पत्ति भाग -2 (Origin of Agaria tribal community Part-2)

भाग -2 पढ़ने से पहले भाग -1 जरूर पढ़े लिंक भाग -१ का दिया है नीचे 👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇 https://www.blogger.com/blog/post/edit/3054434937999672522/3014274752928315006 अगरिया आदिवाशियों की उत्पत्ति भाग -2  या  अगरिया इतिहास , अगरिया कौन है  सन 1921 में रफटन ने अगरियों को एक छोटे द्रविण आदिवासी समूह के रूप में वर्णित किया है जो गोंड प्रजाति से निकला हुआ है। तत्कालीन जिओलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया के डिप्टी सुप्रिडेंट पी एन बोस ने 1887 में रायपुर जिले के लौह उद्योग के विवरण में लिखा है की अब इन जिले में अगरिया का नाम बड़ी मुश्किल से सुनने को मिलता है।  वे कहते है की अब भट्ठिओ पर काम गोंड प्रजाति के ऐसे वर्ग द्वारा किया जाता है जो अपने आपको अगरिया या फिर परधान कहते है। वे ज्यादातर गोंडी भाषा ही बोलते है जो मैदानी इलाको में रहनेवाले अपने सहबन्धुओ को लगभग भूल ही चुके है लोहा गलाने का उद्योग गोंडी में बहुत पुराना हो गया है। उनकी परंपरा यह बतलाती है की वे लोग सबसे पहले काचिकोपा लाहूगढ़ या रेडहिल्स की आयरन वैली में बसे थे तथा यही एकमात्र ...