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मध्यप्रदेश मे अगरिया जनजाति का अस्तित्व

मध्यप्रदेश में अगरिया जनजाति के अस्तित्व के बारे में जानकारी: 1. परिचय: अगरिया जनजाति भारत के पारंपरिक आदिवासी समुदायों में से एक है, जो मुख्यतः मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और छत्तीसगढ़ में पाई जाती है। यह जनजाति ऐतिहासिक रूप से लोहा गलाने (Iron Smelting) की पारंपरिक कला के लिए जानी जाती है। 2. मध्यप्रदेश में उपस्थिति: अगरिया जनजाति मुख्य रूप से सिंगरौली, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया और डिंडोरी जिलों में पाई जाती है। यह जनजाति विशेषकर वनवासी क्षेत्रों में रहती है और पारंपरिक जीवनशैली अपनाए हुए है। 3. पारंपरिक पहचान: अगरिया लोग पारंपरिक रूप से लोहे को गलाकर औजार, खेती के उपकरण और हथियार बनाते थे। यह कार्य वे कोठी भट्ठी और धौकनी की मदद से करते थे। इनकी यह पारंपरिक तकनीक पूरी तरह स्वदेशी और पर्यावरण के अनुकूल थी। 4. सामाजिक और आर्थिक स्थिति: आज अगरिया जनजाति आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़ी हुई मानी जाती है। इनकी पारंपरिक धंधा (लोहा गलाना) अब लगभग विलुप्त हो चुका है, क्योंकि आधुनिक तकनीक और औद्योगीकरण ने इसे प्रतिस्थापित कर दिया। आजकल यह समुदाय खेती, मजदूरी, वनोपज संग्रहण जैसे कार्यों मे...

रायगढ़ छ. ग मे अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम 2025 सम्पन्न हुआ ll लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के नेतृत्व मे ll

लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के नेतृत्व मे ज़िला रायगढ़ के ग्राम - सराई पाली मे दिनांक - 20/04/2025 को अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम सम्पन्न हुआ ll अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम फाउंडेशन का एक बहुत ही अहम और मुख्य अभियान है जिसका उद्देश्य सम्पूर्ण भारत मे अगरिया जनजाति समाज को संगठित करना एवं समाज के सम्पूर्ण उत्थान एवं विकास मे फाउंडेशन द्वारा चलाये जा रहे मुहीम से अगरिया जनसमुदाय अवगत कराना है ll  कार्यक्रम का आयोजन  ज़िला इकाई रायगढ़ समिति ज़िलाध्यक्ष श्री उबरन अगरिया जी एवं पूरी ज़िला टीम के सफल प्रयास से संभव हुआ ll