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अगरिया जोड़ो अभियान 2025 ज़िला अनूपपुर के ग्राम पयारी मे संपन्न हुआ ll

ज़िला अनूपपुर ब्लॉक पुष्पराजगढ़ के ग्राम पयारी मे अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम सम्पन्न हुआ ll लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के नेतृत्व मे दिनांक 15/06/2025 को ज़िला अनूपपुर ग्राम - पयारी ब्लॉक पुष्पराजगढ़ मे ज़िला स्तरीय अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम सम्पन्न हुआ ll जहाँ लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के संस्थापक श्री दशरथ प्रसाद अगरिया उपस्थित हुए ll

सबसे पहले लोहा किसने बनाया ll सर्वप्रथम लोहा का अविष्कार खोज किसने किया ll

सबसे पहले लोहा बनाने वाली जनजाति "अगरिया जनजाति" है जिसने सबसे पहले लौह अयस्क की पहचान की और लौह अयस्क को भट्ठी मे डालकर पिघलाकर लोहा बनाया ll इसके साक्ष्य प्रमाण आज भी अगरिया जनजाति,अगरिया समाज के पास मिलता है चेपूआ जिससे भट्ठी को धौंका जाता है मिलता है और अगरिया जनजाति आज भी इस संस्कृति को अपनाया हुआ है ll आज के इस परिवेश मे भी अगरिया जनजाति लौह का प्रगलन लौह अयस्क के माध्यम से करता है ll सबसे पहले अगरिया जनजाति द्वारा लौह प्रगलन अगरिया जनजाति ने किया इसका साक्ष्य कई अंग्रेज लेखकों के पुस्तकों मे भी मिलता है ll अगरिया जनजाति पूर्व अनादिकाल से जंगल मे निवास करते हुए लोहा गलाता रहा है जिसका साक्ष्य आज भी मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ के कई जिलों के जंगलो मे भी देखने को आज भी मिलता है ll जहाँ लौह अयस्क टुकड़े,पिघले लोहे के छोटे छोटे टुकड़े, वो आधा टूटा हुआ भट्ठी  का गेरा जिसमे लौह अयस्क को डाल कर चेपूआ चलाया जाता है आज भी जंगलो मे मिलता है ll अगरिया जनजाति का कार्य व्यवसाय लोहा से जुडा हुआ है लोहा के औजार बनाना,घरेलु उपयोगी सामग्री बनाना, हथियार बनाना इत्यादि ll 👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇...