मध्यप्रदेश में अगरिया जनजाति के अस्तित्व के बारे में जानकारी: 1. परिचय: अगरिया जनजाति भारत के पारंपरिक आदिवासी समुदायों में से एक है, जो मुख्यतः मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और छत्तीसगढ़ में पाई जाती है। यह जनजाति ऐतिहासिक रूप से लोहा गलाने (Iron Smelting) की पारंपरिक कला के लिए जानी जाती है। 2. मध्यप्रदेश में उपस्थिति: अगरिया जनजाति मुख्य रूप से सिंगरौली, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया और डिंडोरी जिलों में पाई जाती है। यह जनजाति विशेषकर वनवासी क्षेत्रों में रहती है और पारंपरिक जीवनशैली अपनाए हुए है। 3. पारंपरिक पहचान: अगरिया लोग पारंपरिक रूप से लोहे को गलाकर औजार, खेती के उपकरण और हथियार बनाते थे। यह कार्य वे कोठी भट्ठी और धौकनी की मदद से करते थे। इनकी यह पारंपरिक तकनीक पूरी तरह स्वदेशी और पर्यावरण के अनुकूल थी। 4. सामाजिक और आर्थिक स्थिति: आज अगरिया जनजाति आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़ी हुई मानी जाती है। इनकी पारंपरिक धंधा (लोहा गलाना) अब लगभग विलुप्त हो चुका है, क्योंकि आधुनिक तकनीक और औद्योगीकरण ने इसे प्रतिस्थापित कर दिया। आजकल यह समुदाय खेती, मजदूरी, वनोपज संग्रहण जैसे कार्यों मे...
राष्ट्रीय लौह प्रगलक अगरिया समाज महासंघ भारत के मार्गदर्शन मे सूरजपुर छ.ग मे अगरिया समाज की मीटिंग एवं शपथ ग्रहण कार्यक्रम सम्पन्न ll
राष्ट्रीय लौह प्रगलक अगरिया समाज महासंघ भारत के मार्गदर्शन मे दिनांक -13/03/2022 को अगरिया समाज की मीटिंग एवं शपथ ग्रहण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ यू ट्यूब पर कार्यक्रम को देख सकते है 👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇 https://youtu.be/0zk05C9vQlM ll आपको अवगत कराना चाहुँगा की संगठन द्वारा निर्णय लिया गया था की मार्च महीना समाज एवं संगठन के लिए कुछ अलग होगा जहाँ समाज के जमीनी स्तर के विकास के लिए संगठन अंतर्गत राज्यों के हर जिले मे मीटिंग एवं साथ मे समाज के प्रति जागरूकता लाने के लिए सामाजिक बंधुओ को शपथ ग्रहण कराया जायगा जिसमे मीटिंग का एजेंडा एवं शपथ प्रारूप राष्ट्रीय स्तर से प्रदाय किये जायेगे और ये सारे कार्यक्रम प्रत्येक जिले मे अन्य जिले से नियुक्त नोडल कार्यकर्त्ता की उपस्थित मे होगा ll इसी के परिप्रेक्ष्...