माननीय दिलीप जायसवाल जी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ग्रामोद्योग एवं कुटीर विभाग म.प्र शासन जी से मुलाक़ात किये ll अगरिया जनजाति की समस्याओ के सम्बन्ध मे चर्चा तथा लौ. प्र अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के 5वे स्थापना दिवस पर मंत्री जो को आमंत्रित किया गया ll सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

अगरिया जोड़ो अभियान 2025 ज़िला अनूपपुर के ग्राम पयारी मे संपन्न हुआ ll

ज़िला अनूपपुर ब्लॉक पुष्पराजगढ़ के ग्राम पयारी मे अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम सम्पन्न हुआ ll लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के नेतृत्व मे दिनांक 15/06/2025 को ज़िला अनूपपुर ग्राम - पयारी ब्लॉक पुष्पराजगढ़ मे ज़िला स्तरीय अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम सम्पन्न हुआ ll जहाँ लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के संस्थापक श्री दशरथ प्रसाद अगरिया उपस्थित हुए ll

माननीय दिलीप जायसवाल जी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ग्रामोद्योग एवं कुटीर विभाग म.प्र शासन जी से मुलाक़ात किये ll अगरिया जनजाति की समस्याओ के सम्बन्ध मे चर्चा तथा लौ. प्र अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के 5वे स्थापना दिवस पर मंत्री जो को आमंत्रित किया गया ll

कोतमा अनूपपुर :-आज दिनांक 10.11.2024 को लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के फाउंडर (मैनेजिंग डायरेक्टर) दशरथ प्रसाद अगरिया जी एवं उनकी टीम मध्यप्रदेश के  राज्य मंत्री माननीय दिलीप जायसवाल जी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ग्रामोद्योग एवं कुटीर विभाग मध्यप्रदेश शाशन से खास मुलाक़ात किये और अगरिया जनजाति समाज की समस्याओ एवं फाउंडेशन के मुद्दों को लेकर खास चर्चा हुआ ll निम्न बिन्दुओ को लेकर बाते हुयी :-
1. अगरिया जनजाति समाज जो की आज शिक्षा, व्यवसाय, नौकरी एवं सामाजिक स्तर से पिछड़ा हुआ समाज है, समाज के स्तर को बेहतर बनाने के लिए ज़िला अनूपपुर मध्यप्रदेश मे अगरिया आदिवासी समाज हेतु लगभग 800-1000 की क्षमता के भवन निर्माण हेतु शासकीय भूमि लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के नाम आवंटित किये जाने को लेकर मांग किया गया जहा अगरिया जनजाति समाज की समस्याओ एवं स्तर को बेहतर बनाने के लिए बैठ कर विचार विमर्श किया जा सके मांग रखा गया ll
2. अगरिया जनजाति समाज के स्तर को अन्य समाज के स्तर मे लाने एवं समाज को शिक्षा, नौकरी एवं व्यसायिक स्तर पर बेहतर बनाने के लिए, तथा अगरिया जनजाति के दस्तावेज मे हुए त्रुटि मे सुधार एवं जाती प्रमाण पत्र सम्बंधित जिलों. की कई समस्याओ तथा अगरिया जनजाति को विशेष पिछड़ी जनजाति का दर्जा मध्यप्रदेश शासन से दिलाये जाने की बात रखी गयी ll
3- लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन सम्पूर्ण भारत के (अगरिया जनजाति समाज के उत्थान विकास का संस्था) पांचवे स्थापना दिवस दिनांक 15.11.2024 को कार्यक्रम मे माननीय मंत्री जी को आमंत्रित किया गया ll
👇
उपरोक्त सभी मुद्दों को माननीय मंत्री जी ने अगरिया जनजाति समाज की समस्याओ एवं बातो को बहुत ही सकरात्मक एवं प्रसन्न भाव से सुने तथा उन्होंने इस जनजाति समाज के स्तर को हर स्तर से बेहतर बनाने के लिए हर संभव मदद करने की बात बोले ll उन्होंने कहा की ये बहुत खुशी की बात है की आप अगरिया जनजाति समाज के समस्याओ को लेकर चल रहे है जिसकी आज वास्तव मे आवश्यकता है ll
 बिंदु क्रमांक 1 के सम्बन्ध मे माननीय मंत्री जी ने कहा की आपने अगरिया जनजाति समाज के लिए सामुदायिक भवन निर्माण के लिए शासकीय भूमि की मांग किया है, यदि भूमि आपको मिल जाती है तो भवन कैसे आप लोग बनवायेगे ll इसलिए आपके मांग को संशोधित करते हुए मप्र शाशन द्वारा अगरिया जनजाति समाज के लिए सीधे अगरिया समाज भवन का निर्माण करा कर दिया जाएगा जहा अगरिया जनजाति समाज के लोग अपने स्तर को बेहतर बनाने के लिए बैठकर विचार - विमर्श कर सकेंगे ll
बिंदु क्रमांक 2 पर माननीय मंत्री जी ने कहा की मध्यप्रदेश शासन हर स्तर से अगरिया जनजाति समाज के साथ है और जितना भी सकेगा उतनी मदद मध्यप्रदेश शाशन द्वार समाज के उत्थान मे किया जाएगा ll
बिंदु क्रमांक 3 लौह प्रगलक अगरिया जनजाति फाउंडेशन के पांचवे स्थापना दिवस 15.11.2024 मे माननीय मंत्री जी को कार्यक्रम मे आमंत्रित किया गया है जिस पर उन्होंने बहुत ही सहज़ एवं सरल भाव से कहा की 15 नवंबर को मध्यप्रदेश के शहडोल जिले मे माननीय मुख्य मंत्री जी आ रहे है जहा हमको जाना होगा उसके बाद अमरकंटक भी जाना होगा क्योंकी कोई त्यौहार भी वहा होने वाला है जिससे आते आते शाम हो जाएगा ll लेकिन उन्होंने कहा की मै लौटते समय शाम 7:30 को आपके कार्यक्रम मे आउगा और हर हाल मे उपस्थित होने का प्रयास करुगा तथा उन्होंने कहा की अगली बार से आमंत्रित करने से पहले एक बार अवश्य मेरे से चर्चा कर लिए करें जिससे मै शेड्यूल तैयार कर सकूँ ll
उक्त सारी बातो पर लगभग आधे घंटे चर्चा हुआ माननीय मंत्री जी अगरिया जनजाति समाज को लेकर बहुत ख़ुश हुआ और उन्होंने काजू कतली मिठाई मंगाकर मुँह भी मीठा कराये और मंत्री जी बहुत ख़ुश हुए ll
माननीय मंत्री जी से आज की मुलाक़ात मे मंत्री जी का सहज़ भाव,बात चीत एवं अगरिया जनजाति समाज के प्रति लगाव, भाव ने अगरिया जनजाति समाज के लोगो का दिल जीत लिया 

अगरिया समाज संगठन भारत के गतिविधि को यू ट्यूब पर देखने के लिए यू ट्यूब पर अगरिया समाज संगठन भारत सर्च करें एवं चैनल को सब्सक्राइब करें ll

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सोनवानी गोत्र ,केरकेता ,बघेल ,अइंद एवं गोरकु गोत्र की कहानी

सोनवानी गोत्र ,केरकेता ,बघेल ,अइंद  एवं गोरकु   गोत्र की कहानी एवं इससे जुड़े कुछ किवदंती को आइये जानने का प्रयास करते है। जो अगरिया जनजाति  के  गोत्र  है।  किवदंतियो को पूर्व में कई इतिहास कारो द्वारा लेख किया गया है जिसको आज मै  पुनः आप सभी के समक्ष रखने का  हु। तो आइये जानते है -  लोगुंडी राजा के पास बहुत सारे पालतू जानवर थे। उनके पास एक जोड़ी केरकेटा पक्षी ,एक जोड़ी जंगली कुत्ते तथा एक जोड़ी बाघ थे। एक दिन जंगली कुत्तो से एक लड़का और लड़की पैदा हुए। शेरो ने भी एक लड़का और लड़की को  जन्म दिया। केरकेटा पक्षी के जोड़ो ने दो अंडे सेये और  उनमे से भी एक लड़का और लड़की निकले। एक दिन लोगुंडि राजा मछली का शिकार करने गया तथा उन्हें एक ईल मछली मिली और वे उसे घर ले आये। उस मछली को पकाने से पहले उन्होंने उसे काटा तो उसमे से भी एक लड़का और लड़की निकले। उसके कुछ दिनों बाद सारे पालतू जानवर मर गए सिर्फ उनके बच्चे बचे। उन बच्चो को केरकेता ,बघेल, सोनवानी तथा अइंद गोत्र  जो क्रमश पक्षी ,बाघ ,जंगली कुत्ते ,तथा ईल मछली से पैदा  हुए ...

मध्य प्रदेश में अगरिया जनजाति एवं अगरिया जनजाति के बारे में जानकारी

  मध्य प्रदेश में अगरिया जनजाति एवं अगरिया जनजाति के बारे में जानकारी  1 -अगरिया जनजाति की मध्य प्रदेश में जनसँख्या-  मध्य प्रदेश में अगरिया जनजाति की जनसँख्या लगभग 41243 है जो प्रदेश की कुल जनसँख्या का 0.057  प्रतिशत है।   2 -अगरिया निवास क्षेत्र -अगरिया वैसे मध्यप्रदेश के कई जिलों में पाए जाते है पर मुख्यतः अधिक संख्या में अनूपपुर ,शहडोल उमरिया ,कटनी ,मंडला ,बालाघाट ,सीधी ,सिंगरौली में मुख्यतः पाए जाते है।  3 -अगरिया गोत्र -अगरिया जनजाति में कुल 89 गोत्र पाए जाते है। (सम्पूर्ण गोत्र की जानकारी के लिए यू ट्यूब पर अगरिया समाज संगठन भारत सर्च करे और विडिओ देखे )(विडिओ देखने के लिए लिंक पर क्लीक करे - https://youtu.be/D5RSMaLql1M   )जिनमे से कुछ  प्रमुख गोत्र है सोनवानी ,अहिंद ,धुर्वे ,मरकाम ,टेकाम ,चिरई ,नाग ,तिलाम ,उइके,बघेल  आदि है प्रत्येक गोत्र में टोटम पाए जाते है। एवं अगरिया जनजाति का प्रत्येक गोत्र प्राकृतिक से लिया गया है अर्थात पेड़ पौधे ,जीव जंतु से ही लिया गया है। उदाहरण के लिए जैसे बघेल गोत्र बाघ से लिया गया है।  4-...

अगरिया आदिवासी समुदाय की उत्पत्ति (Origin of Agariya tribal community: -)

  अगरिया आदिवासी समुदाय की उत्पत्ति :- कोरबा के अगरिया 👇👇👇👇👇  अब हम एक महत्वपूर्ण और कठिन समस्या की और ध्यान देते है की वास्तव में ये अगरिया कौन है क्या  ही आदिवासी है ,क्या वैसे आदिवासी है जैसे होने चाहिए ,अपने आप में जो पहले ही अस्त्तिव में आ गए थे।  संभवतः लोहे की खोज या जानकारी के समय या सेन्ट्रल प्राविन्स में लोहे  की जानकारी प्राप्त होने के समय ,अथवा क्या वे साधारण तौर पर अनेक विभिन्न आदिवासी समूहों के सदस्यों का जमावड़ा है ,जिन्होंने लोहा गलाने का काम चुन लिया है. क्या डिंडोरी मंडला अनूपपुर शहडोल सीधी  सिंगरौली के अगरिया वही अगरिया है जो गोंडो की एक शाखा है जिन्होंने लोहे का काम करना शुरू कर दिया है।  और इसलिए धीरे धीरे वे एक विशेष समुदाय के रूप में अलग हो गए है। बिलासपुर के चोख अगरिया कोरबा उपजाति से बहुत मिलते जुलते है ,क्या वे कोरबा छत्तीसगढ़ जनजाति का ही एक अलग वर्ग है जिन्होंने लोहा गलाने का काम सुरु कर  दिया है।  हम भारत के कुछ अन्य जगह के समस्याओं को रख कर बात कर सकते है। रिसले ने बताया है की बिहार तथा पशिचम बंगाल के  लो...