8000 से 10000 रुपये आपको भी मिल सकता है यदि आप अगरिया समाज के है llविवाह सहायता मिला अगरिया परिवार को लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन द्वारा सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

अगरिया जोड़ो अभियान 2025 ज़िला अनूपपुर के ग्राम पयारी मे संपन्न हुआ ll

ज़िला अनूपपुर ब्लॉक पुष्पराजगढ़ के ग्राम पयारी मे अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम सम्पन्न हुआ ll लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के नेतृत्व मे दिनांक 15/06/2025 को ज़िला अनूपपुर ग्राम - पयारी ब्लॉक पुष्पराजगढ़ मे ज़िला स्तरीय अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम सम्पन्न हुआ ll जहाँ लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के संस्थापक श्री दशरथ प्रसाद अगरिया उपस्थित हुए ll

8000 से 10000 रुपये आपको भी मिल सकता है यदि आप अगरिया समाज के है llविवाह सहायता मिला अगरिया परिवार को लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन द्वारा

लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के "मैनेजिंग डायरेक्टर अगरिया समाज विवाह सहायता योजना अंतर्गत" सिंगरौली मप्र जिला निवासी कार्यकर्त्ता को उनके पुत्र एवं पुत्री के विवाह पर विवाह सहयोग राशि फाउंडेशन द्वारा दिया गया ll
श्री बंश लाल अगरिया जिला सिंगरौली मध्यप्रदेश निवासी जिनके पुत्र एवं पुत्री का विवाह दिनांक 25/04/2024 एवं 26/04/2024 को उनके निज निवास स्थान जिला सिंगरौली मे होना तय हुआ था जो मध्यम वर्गीय परिवार से है श्री बंशलाल अगरिया जी द्वारा लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन संस्था से विवाह मे मदद हेतु सहयोग राशि की अपील किये थे ll उक्त मांग को ध्यान देते हुए फाउंडेशन द्वारा श्री बंशलाल अगरिया जी एवं उनके परिवार को विवाह सहायता राशि 8700/- रुपये प्रदान किया गया ये राशि जिला सिंगरौली जिलाध्यक्ष के माध्यम से दिया गया जो वहां उपस्थित होकर जिलाकार्यकर्ताओ के साथ परिवार को उपस्थित स्वजातीय बंधुओ के बीच प्रदान किये ll लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन सम्पूर्ण भारत के अगरिया जनजाति समाज के उत्थान विकास का मंच है जहाँ फाउंडेशन द्वारा समाज के हर व्यक्ति को हर संभव मदद किया जाता है बशर्ते व्यक्ति फाउंडेशन से जुडा हुआ एवं पक्का कार्यकर्त्ता हो ll श्री बंशलाल अगरिया जी जिला सिंगरौली मप्र से फाउंडेशन के शानदार विश्वाशनीय कार्यकर्त्ता रहे है जो फाउंडेशन कर हर गतिविधि, कार्यक्रम एवं मीटिंग मे हिस्सेदारी निभाते थे ll आज उनके सराहनीय कार्य के वजह से ही फाउंडेशन द्वारा उनके बच्चों के विवाह हेतु विवाह सहायता राशि फाउंडेशन द्वारा प्रदान किया गया ll फाउंडेशन द्वारा समाज के प्रत्येक कार्यकर्त्ता /व्यक्ति को (मैनेजिंग डायरेक्टर अगरिया समाज सहायता योजना अंतर्गत) विवाह, इलाज, जैसे इत्यादि कार्यों के लिए सहयोग किये जाते है लेकिन इसके लिए कुछ शर्ते भी है और शर्तो के अनुरूप ही परिवार को को सहायता प्रदान किया जाता है ll 
दिनांक 26.04.2024 को श्री बंशलाल अगरिया जिला सिंगरौली को उनके पुत्र एवं पुत्री के विवाह हेतु फाउंडेशन द्वारा (मैनेजिंग डायरेक्टर कन्यादान योजना अंतर्गत) सहायता राशि कुल 8700/- शब्दों मे आठ हजार सात सौ रूपये मात्र प्रदान किया गया ll फाउंडेशन के कई पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओ एवं स्वजातीय बंधुओ ने कन्यादान के रूप मे परिवार को सहयोग किये ll समस्त दानी एवं सहयोगकर्ताओ का फाउंडेशन आभार प्रकट करता है एवं भविष्य मे उम्मीद ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है की आप सभी का सहयोग समाज के लिए हमेशा ऐसे ही बना रहेगा ll

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सोनवानी गोत्र ,केरकेता ,बघेल ,अइंद एवं गोरकु गोत्र की कहानी

सोनवानी गोत्र ,केरकेता ,बघेल ,अइंद  एवं गोरकु   गोत्र की कहानी एवं इससे जुड़े कुछ किवदंती को आइये जानने का प्रयास करते है। जो अगरिया जनजाति  के  गोत्र  है।  किवदंतियो को पूर्व में कई इतिहास कारो द्वारा लेख किया गया है जिसको आज मै  पुनः आप सभी के समक्ष रखने का  हु। तो आइये जानते है -  लोगुंडी राजा के पास बहुत सारे पालतू जानवर थे। उनके पास एक जोड़ी केरकेटा पक्षी ,एक जोड़ी जंगली कुत्ते तथा एक जोड़ी बाघ थे। एक दिन जंगली कुत्तो से एक लड़का और लड़की पैदा हुए। शेरो ने भी एक लड़का और लड़की को  जन्म दिया। केरकेटा पक्षी के जोड़ो ने दो अंडे सेये और  उनमे से भी एक लड़का और लड़की निकले। एक दिन लोगुंडि राजा मछली का शिकार करने गया तथा उन्हें एक ईल मछली मिली और वे उसे घर ले आये। उस मछली को पकाने से पहले उन्होंने उसे काटा तो उसमे से भी एक लड़का और लड़की निकले। उसके कुछ दिनों बाद सारे पालतू जानवर मर गए सिर्फ उनके बच्चे बचे। उन बच्चो को केरकेता ,बघेल, सोनवानी तथा अइंद गोत्र  जो क्रमश पक्षी ,बाघ ,जंगली कुत्ते ,तथा ईल मछली से पैदा  हुए ...

मध्य प्रदेश में अगरिया जनजाति एवं अगरिया जनजाति के बारे में जानकारी

  मध्य प्रदेश में अगरिया जनजाति एवं अगरिया जनजाति के बारे में जानकारी  1 -अगरिया जनजाति की मध्य प्रदेश में जनसँख्या-  मध्य प्रदेश में अगरिया जनजाति की जनसँख्या लगभग 41243 है जो प्रदेश की कुल जनसँख्या का 0.057  प्रतिशत है।   2 -अगरिया निवास क्षेत्र -अगरिया वैसे मध्यप्रदेश के कई जिलों में पाए जाते है पर मुख्यतः अधिक संख्या में अनूपपुर ,शहडोल उमरिया ,कटनी ,मंडला ,बालाघाट ,सीधी ,सिंगरौली में मुख्यतः पाए जाते है।  3 -अगरिया गोत्र -अगरिया जनजाति में कुल 89 गोत्र पाए जाते है। (सम्पूर्ण गोत्र की जानकारी के लिए यू ट्यूब पर अगरिया समाज संगठन भारत सर्च करे और विडिओ देखे )(विडिओ देखने के लिए लिंक पर क्लीक करे - https://youtu.be/D5RSMaLql1M   )जिनमे से कुछ  प्रमुख गोत्र है सोनवानी ,अहिंद ,धुर्वे ,मरकाम ,टेकाम ,चिरई ,नाग ,तिलाम ,उइके,बघेल  आदि है प्रत्येक गोत्र में टोटम पाए जाते है। एवं अगरिया जनजाति का प्रत्येक गोत्र प्राकृतिक से लिया गया है अर्थात पेड़ पौधे ,जीव जंतु से ही लिया गया है। उदाहरण के लिए जैसे बघेल गोत्र बाघ से लिया गया है।  4-...

अगरिया आदिवासी समुदाय की उत्पत्ति (Origin of Agariya tribal community: -)

  अगरिया आदिवासी समुदाय की उत्पत्ति :- कोरबा के अगरिया 👇👇👇👇👇  अब हम एक महत्वपूर्ण और कठिन समस्या की और ध्यान देते है की वास्तव में ये अगरिया कौन है क्या  ही आदिवासी है ,क्या वैसे आदिवासी है जैसे होने चाहिए ,अपने आप में जो पहले ही अस्त्तिव में आ गए थे।  संभवतः लोहे की खोज या जानकारी के समय या सेन्ट्रल प्राविन्स में लोहे  की जानकारी प्राप्त होने के समय ,अथवा क्या वे साधारण तौर पर अनेक विभिन्न आदिवासी समूहों के सदस्यों का जमावड़ा है ,जिन्होंने लोहा गलाने का काम चुन लिया है. क्या डिंडोरी मंडला अनूपपुर शहडोल सीधी  सिंगरौली के अगरिया वही अगरिया है जो गोंडो की एक शाखा है जिन्होंने लोहे का काम करना शुरू कर दिया है।  और इसलिए धीरे धीरे वे एक विशेष समुदाय के रूप में अलग हो गए है। बिलासपुर के चोख अगरिया कोरबा उपजाति से बहुत मिलते जुलते है ,क्या वे कोरबा छत्तीसगढ़ जनजाति का ही एक अलग वर्ग है जिन्होंने लोहा गलाने का काम सुरु कर  दिया है।  हम भारत के कुछ अन्य जगह के समस्याओं को रख कर बात कर सकते है। रिसले ने बताया है की बिहार तथा पशिचम बंगाल के  लो...