अगरिया जनजाति समाज जनजागरूकता कार्यक्रम संपन्न जिला सिंगरौली मध्यप्रदेश मे - फाउंडेशन मैनेजिंग डायरेक्टर पहुचे सिंगरौली एवं समाज के उत्थान विकास मे सम्बोधित किये ll सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

अगरिया जोड़ो अभियान 2025 ज़िला अनूपपुर के ग्राम पयारी मे संपन्न हुआ ll

ज़िला अनूपपुर ब्लॉक पुष्पराजगढ़ के ग्राम पयारी मे अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम सम्पन्न हुआ ll लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के नेतृत्व मे दिनांक 15/06/2025 को ज़िला अनूपपुर ग्राम - पयारी ब्लॉक पुष्पराजगढ़ मे ज़िला स्तरीय अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम सम्पन्न हुआ ll जहाँ लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के संस्थापक श्री दशरथ प्रसाद अगरिया उपस्थित हुए ll

अगरिया जनजाति समाज जनजागरूकता कार्यक्रम संपन्न जिला सिंगरौली मध्यप्रदेश मे - फाउंडेशन मैनेजिंग डायरेक्टर पहुचे सिंगरौली एवं समाज के उत्थान विकास मे सम्बोधित किये ll

सिंगरौली मध्यप्रदेश मे दिनांक -17/03/2024 को अगरिया जनजाति समाज जोड़ो अभियान अंतर्गत  अगरिया जनजाति समाज जनजागरूकता कार्यक्रम लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के नेतृत्व मे शपथ ग्रहण एवं एजेंडा वाचन संपन्न हुआ ll जहाँ लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर दशरथ प्रसाद अगरिया कार्यक्रम मे सिरकत किये और जिला सिंगरौली वासियो को अगरिया जनजाति के उत्थान विकास, अगरिया जनजाति के संरक्षण, अगरिया जनजाति की संस्कृति के संरक्षण, समाज मे दशगात्र सहयोग, समाज मे बच्चों के पढ़ने लिखने के लिए फीस कॉपी बस्ता पुस्तक हेतु सहयोग, इलाज सहयोग, विवाह सहयोग तथा अगरिया जनजाति के इतिहास जैसे फाउंडेशन के द्वारा अगरिया समाज के लिए चलाये जा रहे समस्त मुहीम को अवगत कराते हुए वहां उपस्थित समस्त स्वजातीय बंधुओ, माताओ बहनो को सम्बोधित किये ll मार्च महीने मे फाउंडेशन की ओर से "अगरिया समाज जोड़ो अभियान" कार्यक्रम अंतर्गत अगरिया समाज जनजागरूकता कार्यक्रम फाउंडेशन से जुड़े भारत अंतर्गत समस्त जिलों मे आयोजित किया जाता हैं ll जिसका उद्देश्य फाउंडेशन द्वारा समाज के उत्थान विकास मे चलाये जा रहे समस्त योजनाओं से अवगत कराना एवं लोगो को संगठन से जोड़ना हैं एवं फाउंडेशन का मिशन 2025 (2025 तक संगठित समाज का निर्माण) हैं जिससे फाउंडेशन की ओर से समाज के स्वजातीय बंधुओ का हर संभव मदद किया जा सके और अगरिया जनजाति का संरक्षण तथा अगरिया जनजाति की संस्कृति का संरक्षण हो सके ll एवं समाज का सम्पूर्ण उत्थान विकास संभव हो सके ll उक्त समस्त कार्यक्रम फाउंडेशन द्वारा जिलों के लिए अन्य जिलों से नियुक्त नोडल की उपस्थित मे सम्पन होता हैं ll जिला सिंगरौली के लिए फाउंडेशन द्वारा नियुक्त नोडल श्री विजय अगरिया, श्री गयादीन अगरिया एवं श्री सूरजलाल मरावी जी  उमरिया जिला म.प्र से रहे हैं नोडल श्री विजय अगरिया द्वारा कार्यक्रम मे उपस्थित समस्त स्वजातीय बंधुओ के बीच संगठन द्वारा प्रदाय एजेंडा का वाचन किया गया ll और संगठन की गतिविधि एवं मुहीम से अवगत कराया गया तथा कार्यक्रम के अंत मे समाज के उत्थान विकास मे जुड़कर काम करने एवं सम्पूर्ण भारत मे अगरिया जनजाति समाज को संगठित करने हेतु शपथ ग्रहण कराया गया ll फाउंडेशन मैनेजिंग डायरेक्टर दशरथ अगरिया जी ने कहा की समाज का अस्तित्व आज विलोपित होता जा रहा हैं हमें अपने विलोपित होते हुए समाज के अस्तित्व को प्राप्त करने हेतु संगठित होना होगा टुकड़ो टुकड़ो मे नहीं बल्कि एक साथ मिलकर समाज की अस्तित्व के लिए आवाज उठाना होगा ll समाज के हर व्यक्ति को जिम्मेदारी लेना होगा ll समाज मे शिक्षा के लिए फाउंडेशन द्वारा चलाये जा रहे मुहीम के सम्बन्ध मे जानकारी दिए की समाज मे बच्चों को शिक्षित करने हेतु फीस कॉपी बस्ता पुस्तक हेतु सहयोग किया जाता हैं समाज का कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित ना हो आर्थिक स्थिति की वजह से फाउंडेशन शिक्षा के लिए हर संभव मदद करेगा बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ना हम सभी का दायित्व होगा एवं सामाजिक गतिविधि बैठक किसी भी कार्यक्रम मे समाज के लोगो को बच्चों को पढ़ाने के लिए चर्चा करने को कहा गया ll समाज मे शिक्षा को बेहतर बनाने मे मुख्य कड़ी हो सकता हैं नशा मुक्त समाज, यदि समाज मे युवाओ बच्चों के बीच नशे पान का लेन देन बंद होता हैं तो समाज मे शिक्षा और संस्कार को बढ़ावा मिलेगा जिससे समाज बेहतर होगा बताया गया और समाज से नशा मांस मदिरा के लेन देन को पूर्णतः बंद करने को कहा गया ll इसके साथ बताया गया की सामजिक अर्थ दंड जुर्माना जैसे राशि को मांस मदिरा मे ना उड़ाया जाय बल्कि इस राशि को फाउंडेशन मे सभी जिले जमा कराये जिसका उपयोग समाज अंतर्गत बच्चों को शिक्षा मे सहयोग करने एवं लोगो के इलाज मे मदद करने एवं लोगो के घर मे दशगात्र जैसे कार्यक्रम मे सहयोग किया जाएगा समझाईस दी गयी ll अगरिया जनजाति समाज के वैज्ञानिक जनजाति समाज हैं जिसने सर्वप्रथम लौह अयस्क से लोहे का निर्माण किया जिसका इतिहास सभी बताया गया ll समाज मे सभी को एक साथ जुट होकर समाज की जिम्मेदारी लेने को कहा गया एवं संगठित समाज से समाज का क्या बेहतर हो सकता हैं सभी को समझाया गया ll समाज मे महिलाओ का सम्मान एवं नारी शशक्तिकरण पर जोर दिया गया ll कार्यक्रम मे सीधी जिलाध्यक्ष सुखलाल अगरिया, एवं सिंगरौली जिलाध्यक्ष राजकुमार अगरिया, पन्नेलाल अगरिया, महिपाल अगरिया, भैयालाल अगरिया, अर्थलाल अगरिया, सहित कई स्वजातीय बंधु उपस्थित रहे ll
कार्यक्रम के अंत मे सभी का आभार प्रकट करते हुए कार्यक्रम समापन हुआ ll
यू ट्यूब पर संगठन की गतिविधि को देखने के लिए यू ट्यूब पर सर्च करें "agariya samaj sangathan bharat" और चैनल को सब्सक्राइब करें ll

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सोनवानी गोत्र ,केरकेता ,बघेल ,अइंद एवं गोरकु गोत्र की कहानी

सोनवानी गोत्र ,केरकेता ,बघेल ,अइंद  एवं गोरकु   गोत्र की कहानी एवं इससे जुड़े कुछ किवदंती को आइये जानने का प्रयास करते है। जो अगरिया जनजाति  के  गोत्र  है।  किवदंतियो को पूर्व में कई इतिहास कारो द्वारा लेख किया गया है जिसको आज मै  पुनः आप सभी के समक्ष रखने का  हु। तो आइये जानते है -  लोगुंडी राजा के पास बहुत सारे पालतू जानवर थे। उनके पास एक जोड़ी केरकेटा पक्षी ,एक जोड़ी जंगली कुत्ते तथा एक जोड़ी बाघ थे। एक दिन जंगली कुत्तो से एक लड़का और लड़की पैदा हुए। शेरो ने भी एक लड़का और लड़की को  जन्म दिया। केरकेटा पक्षी के जोड़ो ने दो अंडे सेये और  उनमे से भी एक लड़का और लड़की निकले। एक दिन लोगुंडि राजा मछली का शिकार करने गया तथा उन्हें एक ईल मछली मिली और वे उसे घर ले आये। उस मछली को पकाने से पहले उन्होंने उसे काटा तो उसमे से भी एक लड़का और लड़की निकले। उसके कुछ दिनों बाद सारे पालतू जानवर मर गए सिर्फ उनके बच्चे बचे। उन बच्चो को केरकेता ,बघेल, सोनवानी तथा अइंद गोत्र  जो क्रमश पक्षी ,बाघ ,जंगली कुत्ते ,तथा ईल मछली से पैदा  हुए ...

मध्य प्रदेश में अगरिया जनजाति एवं अगरिया जनजाति के बारे में जानकारी

  मध्य प्रदेश में अगरिया जनजाति एवं अगरिया जनजाति के बारे में जानकारी  1 -अगरिया जनजाति की मध्य प्रदेश में जनसँख्या-  मध्य प्रदेश में अगरिया जनजाति की जनसँख्या लगभग 41243 है जो प्रदेश की कुल जनसँख्या का 0.057  प्रतिशत है।   2 -अगरिया निवास क्षेत्र -अगरिया वैसे मध्यप्रदेश के कई जिलों में पाए जाते है पर मुख्यतः अधिक संख्या में अनूपपुर ,शहडोल उमरिया ,कटनी ,मंडला ,बालाघाट ,सीधी ,सिंगरौली में मुख्यतः पाए जाते है।  3 -अगरिया गोत्र -अगरिया जनजाति में कुल 89 गोत्र पाए जाते है। (सम्पूर्ण गोत्र की जानकारी के लिए यू ट्यूब पर अगरिया समाज संगठन भारत सर्च करे और विडिओ देखे )(विडिओ देखने के लिए लिंक पर क्लीक करे - https://youtu.be/D5RSMaLql1M   )जिनमे से कुछ  प्रमुख गोत्र है सोनवानी ,अहिंद ,धुर्वे ,मरकाम ,टेकाम ,चिरई ,नाग ,तिलाम ,उइके,बघेल  आदि है प्रत्येक गोत्र में टोटम पाए जाते है। एवं अगरिया जनजाति का प्रत्येक गोत्र प्राकृतिक से लिया गया है अर्थात पेड़ पौधे ,जीव जंतु से ही लिया गया है। उदाहरण के लिए जैसे बघेल गोत्र बाघ से लिया गया है।  4-...

अगरिया आदिवासी समुदाय की उत्पत्ति (Origin of Agariya tribal community: -)

  अगरिया आदिवासी समुदाय की उत्पत्ति :- कोरबा के अगरिया 👇👇👇👇👇  अब हम एक महत्वपूर्ण और कठिन समस्या की और ध्यान देते है की वास्तव में ये अगरिया कौन है क्या  ही आदिवासी है ,क्या वैसे आदिवासी है जैसे होने चाहिए ,अपने आप में जो पहले ही अस्त्तिव में आ गए थे।  संभवतः लोहे की खोज या जानकारी के समय या सेन्ट्रल प्राविन्स में लोहे  की जानकारी प्राप्त होने के समय ,अथवा क्या वे साधारण तौर पर अनेक विभिन्न आदिवासी समूहों के सदस्यों का जमावड़ा है ,जिन्होंने लोहा गलाने का काम चुन लिया है. क्या डिंडोरी मंडला अनूपपुर शहडोल सीधी  सिंगरौली के अगरिया वही अगरिया है जो गोंडो की एक शाखा है जिन्होंने लोहे का काम करना शुरू कर दिया है।  और इसलिए धीरे धीरे वे एक विशेष समुदाय के रूप में अलग हो गए है। बिलासपुर के चोख अगरिया कोरबा उपजाति से बहुत मिलते जुलते है ,क्या वे कोरबा छत्तीसगढ़ जनजाति का ही एक अलग वर्ग है जिन्होंने लोहा गलाने का काम सुरु कर  दिया है।  हम भारत के कुछ अन्य जगह के समस्याओं को रख कर बात कर सकते है। रिसले ने बताया है की बिहार तथा पशिचम बंगाल के  लो...