अगरिया समाज संगठन भारत की दूसरी एनिवर्सरी बड़े धूम धाम से मनाया गया सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

रायगढ़ छ. ग मे अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम 2025 सम्पन्न हुआ ll लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के नेतृत्व मे ll

लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के नेतृत्व मे ज़िला रायगढ़ के ग्राम - सराई पाली मे दिनांक - 20/04/2025 को अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम सम्पन्न हुआ ll अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम फाउंडेशन का एक बहुत ही अहम और मुख्य अभियान है जिसका उद्देश्य सम्पूर्ण भारत मे अगरिया जनजाति समाज को संगठित करना एवं समाज के सम्पूर्ण उत्थान एवं विकास मे फाउंडेशन द्वारा चलाये जा रहे मुहीम से अगरिया जनसमुदाय अवगत कराना है ll  कार्यक्रम का आयोजन  ज़िला इकाई रायगढ़ समिति ज़िलाध्यक्ष श्री उबरन अगरिया जी एवं पूरी ज़िला टीम के सफल प्रयास से संभव हुआ ll  अगरिया जोड़ो अभियान कार्यक्रम सम्पूर्ण भारत मे प्रत्येक वर्ष माह - मार्च एवं अप्रैल मे पूरे भारत मे फाउंडेशन से जुड़े सभी जिलों मे आयोजित किये जाते है ll कार्यक्रम मे फाउंडेशन द्वारा समाज के उत्थान एवं विकास हेतु चलाये गतिविधियों को सम्पूर्ण अगरिया जनसमुदाय तक पहुंचाने हेतु एजेंडा का वाचन जिलों के लिए नियुक्त नोडल द्वारा किया जाता है ll नोडल जिलों जिलों मे जाकर फाउंडेशन द्वारा प्रदाय एजेंडा को विधिवत विश्लेषण करते हुए पढ़...

अगरिया समाज संगठन भारत की दूसरी एनिवर्सरी बड़े धूम धाम से मनाया गया

अगरिया समाज संगठन भारत की दूसरी एनिवर्सरी बड़े धूम धाम से मनाया गया 

संगठन संचालक दशरथ अगरिया जी एवं अध्यक्ष श्री रामखिलावन रामखिलावन जी  के नेतृत्व में  दिनाँक 15 -11 -2021 को अगरिया समाज संगठन भारत का  दूसरा  वर्षगांठ  संगठन के समस्त कार्यकर्ताओ ने बड़े उत्साह पूर्वक मनाया  संगठन की समस्त महिला शक्तिया एवं पुरुष कार्यकर्त्ता साथिओ ने सभी को एक दुसरे को संगठन के वर्ष गाँठ की बधाईया दिए। तथा दूसरी ओर संगठन के सभी जिलाध्यक्ष ,जिलाकार्यकर्ता महिला /पुरुष सभी ने संगठन के वर्षगाँठ की बधाईया वाले पोस्टर अपने फोटो लगाकर संगठन से बनवाते हुए , सभी कार्यकर्ताओ ने पोस्टर को अपने व्हाट्सप्प प्रोफाइल पिक्चर ,स्टेटस में शेयर किये तथा फेस बुक ,टेलीग्राम, ट्विटर पर हर जगह अपने संगठन वर्षगांठ पोस्टर शेयर किये ,


वही दूसरी ओर संगठन की समस्त महिला शक्तियों ने संगठन को नयी उचाई एवं आयाम देने के लिए तथा समाज को एक सूत्र में बाँधने एवं पूरे भारत के अगरिया जनजाति को एक मंच में आने यानि अगरिया समाज संगठन भारत से सभी को जुड़ने जोड़ने का सन्देश देने के लिए   पूरे भारत से संगठन से जुड़े समस्त महिला शक्तियों ने अपने अपने घरो में  अगरिया समाज संगठन भारत के नाम की रंगोली भी बनायीं एवं सभी को शेयर भी किये जो अद्वितीय था , अभी तक किसी भी संगठन के  हिसाब से बहुत ही अद्वितीय तरीके से अगरिया समाज संगठन भारत का वर्ष गाँठ मनाया गया। 











सारे गतिविधियों को देखते हुए हुए  संगठन संचालक दशरथ अगरिया जी ने  सभी महिला /पुरुष कार्यकर्ता साथियो को सहृदय धन्यवाद दिए , उन्होंने कहा की ऐसा वर्षगांठ उन्होंने कही  नहीं देखा और भाव विभोर होते  हुए संगठन के सभी कार्यकर्ताओ एवं नारी शक्तियों को धन्यवाद  सन्देश से  सम्बोधित किये आइये  संचालक दशरथ  अगरिया जी का धन्यवाद सन्देश आपको  नीचे दिखाते है 👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇

धन्यवाद सन्देश(महिला शक्तियों के लिए )

संचालक दशरथ अगरिया की कलम से

===============

सादर नमन

समस्त नारी शक्तियों को

 आज अगरिया समाज संगठन भारत की दूसरी वर्षगांठ पर संगठन की समस्त माहिला शक्तियों के जज्बे और संगठन के प्रति प्रेम भाव समर्पण की भावनाओं को सादर नमन करता हु ll आप सभी ने आज संगठन की वर्ष गाँठ बड़े ही धूमधाम से मनाया, संगठन की रंगोली बनायीं  और ये सिद्ध किये हैं की संगठन अब रुकने वाला नहीं हैं ll ये अगरिया समाज हमारा हैं और हम समाज को संगठित करके रहेंगे ये जज्बा और समर्पण समाज के प्रति प्रेम भाव को दर्शाता हैं ll आप सभी नारी शक्तियां संगठन की शक्ति हैं और आप सभी के कार्य से ही संगठन आज और एक पायदान आगे अपनी पहुंच समाज मे बना लिया ll मुझे ये कहते हुए बहुत खुशी हों रहीं हैं की आप सभी को पाकर आज ये संगठन से जुड़े सभी या विशेषकर  मै अपनी बात कहु तो मै धन्य हों गया मेरा जीवन सफल हों गया, जो प्रेरणा जो शक्ति आपने इस संगठन को दिया हैं ऐसा बिलकुल भी प्रतीत नहीं होता की ये संगठन हैं बल्कि ऐसा प्रतीत होता हैं की ये एक परिवार हैं ll और मै आप जैसे शक्तियों के बीच मे सीख रहा हु, मै आप सभी से यही कामना करता हु की ऐसे ही इस संगठन को आप सभी आगे बढ़ाते रहेंगे ll और भारत के आख़री मे खड़े अगरिया परिवार को आप सब मिलकर संगठन मे. ले आएंगे ll आप सभी ने मिलकर आज बहुत बड़ा बोझ हल्का कर दिया की जिस संगठन को बड़े शान से प्रेमभाव से इस समाज के उत्थान और विकास के लिए तैयार किया गया था तो ऐसा लगता था की क्या होगा,कैसे संचालित होगा, लेकिन आप सभी माहिला शक्तियां, जिनको दुर्गा, काली, लक्ष्मी का अवतार कहा जाता हैं, वो आप सभी ने सिद्ध कर दिया की संगठन सम्पूर्ण भारत मे आख़री मे. खड़े अगरिया समाज तक पहुंच बनाएगा ll

इसी आशा और उम्मीद के साथ आगे भी यही अपेक्षा करते हुए चाहुँगा की इस परिवार को आप सब मिलकर अपने प्रेम भाव एवं कार्य से सभी को समेटे रहेंगे ll और कार्य को आगे बढ़ाते रहेंगे ll


मै सुना था की हर सफलता के पीछे एक नारी शक्ति का हाथ होता हैं जो आज प्रमाणित हो गया ll

आप सभी ने मिलकर आज के दिन को वो दिन बनाया हैं की कोई यदि इतिहास उठा कर देखे तो भी इस समाज संगठन जैसा कही ना हुआ होगा, और ना ही होगा ll


जय नारी शक्ति अगरिया समाज


धन्यवाद सन्देश(पुरुष कार्यकर्ता साथियो  के लिए )

संचालक दशरथ अगरिया की कलम से

===============

सादर नमन

समस्त सम्मानीय साथियों को

👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻 आज अगरिया समाज संगठन भारत की दूसरी वर्षगांठ पर संगठन की समस्त सम्मानीय साथियों के जज्बे और संगठन के प्रति प्रेम भाव समर्पण की भावनाओं को सादर नमन करता हु ll आप सभी ने आज संगठन की वर्ष गाँठ बड़े ही धूमधाम से मनाया, संगठन की रंगोली बनाये और ये सिद्ध किये हैं की संगठन अब रुकने वाला नहीं हैं ll ये अगरिया समाज हमारा हैं और हम समाज को संगठित करके रहेंगे ये जज्बा और समर्पण समाज के प्रति प्रेम भाव को दर्शाता हैं ll आप सभी सम्मानीय साथी संगठन की शक्ति हैं और आप सभी के कार्य से ही संगठन आज और एक पायदान आगे अपनी पहुंच समाज मे बना लिया ll मुझे ये कहते हुए बहुत खुशी हों रहीं हैं की आप सभी को पाकर आज ये संगठन से जुड़े सभी या विशेषकर  मै अपनी बात कहु तो मै धन्य हों गया मेरा जीवन सफल हों गया, जो प्रेरणा जो शक्ति आपने इस संगठन को दिया हैं ऐसा बिलकुल भी प्रतीत नहीं होता की ये संगठन हैं बल्कि ऐसा प्रतीत होता हैं की ये एक परिवार हैं ll और मै आप जैसे बुद्धिजीवीयो के बीच मे सीख रहा हु, मै आप सभी से यही कामना करता हु की ऐसे ही इस संगठन को आप सभी आगे बढ़ाते रहेंगे ll और भारत के आख़री मे खड़े अगरिया परिवार को आप सब मिलकर संगठन मे. ले आएंगे ll आप सभी ने मिलकर आज बहुत बड़ा बोझ हल्का कर दिया की जिस संगठन को बड़े शान से प्रेमभाव से इस समाज के उत्थान और विकास के लिए तैयार किया गया था तो ऐसा लगता था की क्या होगा,कैसे संचालित होगा, लेकिन आप सभी सम्मानीय मित्रो ने , वो आप सभी ने सिद्ध कर दिया की संगठन सम्पूर्ण भारत मे आख़री मे. खड़े अगरिया समाज तक पहुंच बनाएगा ll

इसी आशा और उम्मीद के साथ आगे भी यही अपेक्षा करते हुए चाहुँगा की इस परिवार को आप सब मिलकर अपने प्रेम भाव एवं कार्य से सभी को समेटे रहेंगे ll और कार्य को आगे बढ़ाते रहेंगे ll


मै सुना था की हर सफलता के पीछे एक नारी शक्ति, एवं एकता का हाथ होता हैं जो आज प्रमाणित हो गया ll

आप सभी ने मिलकर आज के दिन को वो दिन बनाया हैं की कोई यदि इतिहास उठा कर देखे तो भी इस समाज संगठन जैसा कही ना हुआ होगा, और ना ही होगा ll


जय  अगरिया समाज

🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽


इसी के साथ अध्यक्ष महोदय जी  सभी का आभार प्रकट किये उन्होंने कहा सभी का सहयोग सराहनीय रहा एवं आगे भी सभी से यही अपेक्षा रहेगा। 

संगठन के कार्यकर्ताओ में संचालक दशरथ अगरिया ,अध्यक्ष रामखिलावन अगरिया ,उपाध्यक्ष रामसरोवर अगरिया  ,सुखलाल अगरिया(सीधी ) ,सुखराम उइके(छिंदवाड़ा ) ,सूरज अगरिया (अनूपपुर ),यशवंत परते (बालाघाट ),मनीराम टेकाम (मंडला ),सूरजलाल अगरिया (उमरिया ),हरिप्रसाद अगरिया (कबीरधाम ),जागेराम अगरिया (कोरिया ),सुकुल नागवंशी (कोरिया ),सुखित अगरिया (कोरिया ),सुबोध कुमार (सरगुजा ),कामेश्वर राम (सरगुजा ),होरीलाल अगरिया (सूरजपुर ),दिलहरण अगरिया (कोरबा ),मनहरण अगरिया (कोरबा) , मनराखन अगरिया कोरबा ,रघुनाथ अगरिया (बलरामपुर ),विजय अगरिया (उमरिया ),टेकराम अगरिया (उमरिया ),भोला अगरिया उमरिया ,आमसाय अगरिया (जशपूर ),राजेश अगरिया (जशपुर ),शीतल अगरिया (सिंगरौली ),प्रमोद बामनिया (सिवनी ),सुनील अगरिया( सिंगरौली ),..... एवं अन्य कई जिलों से समस्त संगठन के कार्यकर्ताओ ने बड़े हर्ष उल्लास से वर्षगाठ मनाये।।

इसी  के साथ महिला शक्तियों में सोहरी मिंज ,लक्ष्मी अगरिया ,संतरिया देवी अगरिया (अनूपपुर ),पूजा अगरिया (सीधी ),कमला अगरिया ,प्रमिला अगरिया ,कमलेश्वरी अगरिया ,दीपा अगरिया ,कवित्री अगरिया ,सविता अगरिया ,अनीता अगरिया ,रिंकी अगरिया ,सावन बाई अगरिया ,सीमा अगरिया ,ममता अगरिया ,सुनीता निराला  एवं अन्य पूरे भारत से सभी महिला शक्तियों ने बड़े धूम धाम से संगठन का वर्षगाँठ मनाये।।







टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सोनवानी गोत्र ,केरकेता ,बघेल ,अइंद एवं गोरकु गोत्र की कहानी

सोनवानी गोत्र ,केरकेता ,बघेल ,अइंद  एवं गोरकु   गोत्र की कहानी एवं इससे जुड़े कुछ किवदंती को आइये जानने का प्रयास करते है। जो अगरिया जनजाति  के  गोत्र  है।  किवदंतियो को पूर्व में कई इतिहास कारो द्वारा लेख किया गया है जिसको आज मै  पुनः आप सभी के समक्ष रखने का  हु। तो आइये जानते है -  लोगुंडी राजा के पास बहुत सारे पालतू जानवर थे। उनके पास एक जोड़ी केरकेटा पक्षी ,एक जोड़ी जंगली कुत्ते तथा एक जोड़ी बाघ थे। एक दिन जंगली कुत्तो से एक लड़का और लड़की पैदा हुए। शेरो ने भी एक लड़का और लड़की को  जन्म दिया। केरकेटा पक्षी के जोड़ो ने दो अंडे सेये और  उनमे से भी एक लड़का और लड़की निकले। एक दिन लोगुंडि राजा मछली का शिकार करने गया तथा उन्हें एक ईल मछली मिली और वे उसे घर ले आये। उस मछली को पकाने से पहले उन्होंने उसे काटा तो उसमे से भी एक लड़का और लड़की निकले। उसके कुछ दिनों बाद सारे पालतू जानवर मर गए सिर्फ उनके बच्चे बचे। उन बच्चो को केरकेता ,बघेल, सोनवानी तथा अइंद गोत्र  जो क्रमश पक्षी ,बाघ ,जंगली कुत्ते ,तथा ईल मछली से पैदा  हुए ...

मध्य प्रदेश में अगरिया जनजाति एवं अगरिया जनजाति के बारे में जानकारी

  मध्य प्रदेश में अगरिया जनजाति एवं अगरिया जनजाति के बारे में जानकारी  1 -अगरिया जनजाति की मध्य प्रदेश में जनसँख्या-  मध्य प्रदेश में अगरिया जनजाति की जनसँख्या लगभग 41243 है जो प्रदेश की कुल जनसँख्या का 0.057  प्रतिशत है।   2 -अगरिया निवास क्षेत्र -अगरिया वैसे मध्यप्रदेश के कई जिलों में पाए जाते है पर मुख्यतः अधिक संख्या में अनूपपुर ,शहडोल उमरिया ,कटनी ,मंडला ,बालाघाट ,सीधी ,सिंगरौली में मुख्यतः पाए जाते है।  3 -अगरिया गोत्र -अगरिया जनजाति में कुल 89 गोत्र पाए जाते है। (सम्पूर्ण गोत्र की जानकारी के लिए यू ट्यूब पर अगरिया समाज संगठन भारत सर्च करे और विडिओ देखे )(विडिओ देखने के लिए लिंक पर क्लीक करे - https://youtu.be/D5RSMaLql1M   )जिनमे से कुछ  प्रमुख गोत्र है सोनवानी ,अहिंद ,धुर्वे ,मरकाम ,टेकाम ,चिरई ,नाग ,तिलाम ,उइके,बघेल  आदि है प्रत्येक गोत्र में टोटम पाए जाते है। एवं अगरिया जनजाति का प्रत्येक गोत्र प्राकृतिक से लिया गया है अर्थात पेड़ पौधे ,जीव जंतु से ही लिया गया है। उदाहरण के लिए जैसे बघेल गोत्र बाघ से लिया गया है।  4-...

agariya kaoun haiअगरिया कौन है

  अगरिया मध्य भारत के वे आदिवासी समुदाय है जो लोहा गलाने यानि की लौह प्रगलक का कार्य करते है उनका मुख्य व्यवसाय लोहे से जुड़ा होता है अगरिया अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में आते है। अगरिया समुदाय पत्थर से लोहा गलाते है लेकिन वर्तमान  में पत्थर पर सरकार द्वारा रोक लगाया गया  है जिससे उनका व्यवसाय काफी प्रभावित है। अतः अगर वर्तमान की बात करे तो अगरिया समुदाय इस समय अपने क्षेत्र में जिस ग्राम या परिवेश में रह रहे है वही के लोगो का उपयोग की सामग्री बनाकर उनको देते है तथा अपने किसानो का (जिनके ऊपर वे आश्रित है ) समबन्धी समस्तलोहे का कार्य करते है एवं अपने मेहनत का पैसा या खाद्यान्न लेकर अपने एवं अपने बच्चो का पालन पोषण कर रहे है। अगरिया समुदाय की पहचान अभी भी कई जगह में एक समस्या है है कई जगह उनको गोंड भी कह दिया जाता है ,लेकिन ऐसा कहना किस हद तक सही है पर  ,हां अगरिया को गोंडो का लोहार जरूर कहा जाता है लेकिन वास्तव में में अगरिया गोंड नहीं है बल्कि  गोंडो की उपजाति है। अगरिया मध्य भारत के लोहा पिघलाने वाले और लोहारी करने वाले लोग है जो अधिकतर मैकाल पहाड़ी क्षेत...