बर्थ डे विश करने एवं अन्य खुसियो को विश करने के लिए रात 12 बजे तक जागने की आवश्यकता नहीं है ,व्हाट्सप्प पर ऐसे शड्यूल कर सकते है(whatsapp trick) सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

दिनांक 08/12/2025 को गढ़वा झारखंड के कार्यकर्त्ता साथियों ने ज़िला कलेक्टर को सौपा ज्ञापन (लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के नेतृत्व मे)

लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के नेतृत्व मे ज़िला इकी गढ़वा झारखंड के कार्यकर्ता साथियों ने अगरिया जनजाति समाज की समस्याओ को लेकर सौपे ज्ञापन ll 👇 दिनांक 08/12/2025 को ज़िला - गढ़वा झारखंड के कार्यकर्त्ता स्वजातीय बंधुओ ने ज़िला ज़िला कलेक्टर को अगरिया जनजाति समाज को विशेष पिछड़ी जनजाति मे शामिल किये जाने को लेकर ज्ञापन सौपे ll गढ़वा जिलाध्यक्ष श्री शिवशंकर अगरिया जी ने बताया की अगरिया समाज हमारा अत्यंत पिछड़ा हुआ समाज है इस समाज का रहन सहन अत्यंत न्यून है, समाज मे शिक्षा का स्तर शून्य है, इस समाज के लोग ना तो नौकरी मे है ना ही व्यावसायिक है ll अगरिया जनजाति समाज के स्तर को बेहतर बनाने के लिए भारत सरकार एवं राज्य सरकार को ध्यान देना पड़ेगा तभी ये समाज अन्य समाजो की तरह बेहतर हो सकेगा ll शिक्षा, नौकरी मे विशेष आरक्षण की आवश्यकता है ll ज्ञापन सौपने गढ़वा जिलाध्यक्ष श्री शिवशंकर अगरिया जी, उपाध्यक्ष श्री संजय अगरिया जी, अमरनाथ अगरिया जी सहित कई स्वजातीय बंधु ने अपनी भूमिका निभाई ll... #

बर्थ डे विश करने एवं अन्य खुसियो को विश करने के लिए रात 12 बजे तक जागने की आवश्यकता नहीं है ,व्हाट्सप्प पर ऐसे शड्यूल कर सकते है(whatsapp trick)

बर्थ  डे विश करने एवं अन्य खुसियो को विश करने के लिए रात 12 बजे तक जागने की आवश्यकता नहीं है ,व्हाट्सप्प पर ऐसे शड्यूल कर सकते  है 



यदि आप रात 12 बजे किसी को बिरथ डे विश करना चाहते है या कोई जरुरी मैसेज करना चाहते है तो आपको रात १२ बजे तक जागने की आवश्यकता नहीं है। आप अपने व्हाट्सप्प पर मैसेज को शेड्यूल कर सकते है। 

 आइये जानते है। ........ 

व्हाट्सप्प वर्तमान समय में हमारे बहुत काम आता है ,परिवार ऑफिस ,दफ्तर से लेकर हर कार्य आज हम अपने व्हाट्सप्प पर कर  कर रहे है ये अप्प चैटिंग से कही ज्यादा आगे निकल गया है व्हाट्सप्प में वाइस काल ,विडिओ काल ,एवं पेमेंट भुगतान करना एवं प्राप्त करने की सुविधा प्राप्त होती है अक्सर हम अपने दोस्तों को या फिर रिश्तेदारों को जन्म दिवस की बधाई देने के लिए रात 12 बजे तक का इन्तजार करते है या जागते है। लेकिन आज हम आपको ऐसे तरीका बताने जा रहे है जिसके लिए आपको विश करने के लिए रात 12 बजे तक का इन्तजार नहीं करना पड़ेगा न ही जागना पड़ेगा। तो आइये जानते है इस ट्रिक के बारे में। ......... 

आप व्हाट्सप्प पर मैसेज को शेड्यूल कर सकते है 

व्हाट्सप्प पर ऐसे शेड्यूल करे मैसेज 

व्हाट्सअप पर मैसेज शेड्यूल करने के लिए गूगल प्ले स्टोर से  skedit नाम का थिरत पार्टी एप्प डाउनलोड करना होगा। 

अब इसके बाद एप्प को ओपन करे  और अपना मेल या गूगल अकाउंट से sign इन करे। 

अब लॉगिन करने के बाद मैन मेनू में दिए गए व्हाट्सप्प आप्सन पर टच करना होगा। 

इतना करने के बाद आपसे कुछ परमिशन माँगा जायगा। 

अब Enable Accessibility पर क्लिक  करके Use Serviceपर  टैप करे  । 

अब आप जिसे भी व्हाट्सप्प चैट पर मैसज शेड्यूल करना चाहते है उस व्यक्ति का नाम नंबर डाले और फिर मैसेज टाइप करे और दिनाक और समय सेट कर दे। 

इतना करने के बाद सेट किये गए समय और दिनांक  पर आपका मैसेज चला जायगा। 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सोनवानी गोत्र ,केरकेता ,बघेल ,अइंद एवं गोरकु गोत्र की कहानी

सोनवानी गोत्र ,केरकेता ,बघेल ,अइंद  एवं गोरकु   गोत्र की कहानी एवं इससे जुड़े कुछ किवदंती को आइये जानने का प्रयास करते है। जो अगरिया जनजाति  के  गोत्र  है।  किवदंतियो को पूर्व में कई इतिहास कारो द्वारा लेख किया गया है जिसको आज मै  पुनः आप सभी के समक्ष रखने का  हु। तो आइये जानते है -  लोगुंडी राजा के पास बहुत सारे पालतू जानवर थे। उनके पास एक जोड़ी केरकेटा पक्षी ,एक जोड़ी जंगली कुत्ते तथा एक जोड़ी बाघ थे। एक दिन जंगली कुत्तो से एक लड़का और लड़की पैदा हुए। शेरो ने भी एक लड़का और लड़की को  जन्म दिया। केरकेटा पक्षी के जोड़ो ने दो अंडे सेये और  उनमे से भी एक लड़का और लड़की निकले। एक दिन लोगुंडि राजा मछली का शिकार करने गया तथा उन्हें एक ईल मछली मिली और वे उसे घर ले आये। उस मछली को पकाने से पहले उन्होंने उसे काटा तो उसमे से भी एक लड़का और लड़की निकले। उसके कुछ दिनों बाद सारे पालतू जानवर मर गए सिर्फ उनके बच्चे बचे। उन बच्चो को केरकेता ,बघेल, सोनवानी तथा अइंद गोत्र  जो क्रमश पक्षी ,बाघ ,जंगली कुत्ते ,तथा ईल मछली से पैदा  हुए ...

मध्य प्रदेश में अगरिया जनजाति एवं अगरिया जनजाति के बारे में जानकारी

  मध्य प्रदेश में अगरिया जनजाति एवं अगरिया जनजाति के बारे में जानकारी  1 -अगरिया जनजाति की मध्य प्रदेश में जनसँख्या-  मध्य प्रदेश में अगरिया जनजाति की जनसँख्या लगभग 41243 है जो प्रदेश की कुल जनसँख्या का 0.057  प्रतिशत है।   2 -अगरिया निवास क्षेत्र -अगरिया वैसे मध्यप्रदेश के कई जिलों में पाए जाते है पर मुख्यतः अधिक संख्या में अनूपपुर ,शहडोल उमरिया ,कटनी ,मंडला ,बालाघाट ,सीधी ,सिंगरौली में मुख्यतः पाए जाते है।  3 -अगरिया गोत्र -अगरिया जनजाति में कुल 89 गोत्र पाए जाते है। (सम्पूर्ण गोत्र की जानकारी के लिए यू ट्यूब पर अगरिया समाज संगठन भारत सर्च करे और विडिओ देखे )(विडिओ देखने के लिए लिंक पर क्लीक करे - https://youtu.be/D5RSMaLql1M   )जिनमे से कुछ  प्रमुख गोत्र है सोनवानी ,अहिंद ,धुर्वे ,मरकाम ,टेकाम ,चिरई ,नाग ,तिलाम ,उइके,बघेल  आदि है प्रत्येक गोत्र में टोटम पाए जाते है। एवं अगरिया जनजाति का प्रत्येक गोत्र प्राकृतिक से लिया गया है अर्थात पेड़ पौधे ,जीव जंतु से ही लिया गया है। उदाहरण के लिए जैसे बघेल गोत्र बाघ से लिया गया है।  4-...

अगरिया आदिवासी समुदाय की उत्पत्ति (Origin of Agariya tribal community: -)

  अगरिया आदिवासी समुदाय की उत्पत्ति :- कोरबा के अगरिया 👇👇👇👇👇  अब हम एक महत्वपूर्ण और कठिन समस्या की और ध्यान देते है की वास्तव में ये अगरिया कौन है क्या  ही आदिवासी है ,क्या वैसे आदिवासी है जैसे होने चाहिए ,अपने आप में जो पहले ही अस्त्तिव में आ गए थे।  संभवतः लोहे की खोज या जानकारी के समय या सेन्ट्रल प्राविन्स में लोहे  की जानकारी प्राप्त होने के समय ,अथवा क्या वे साधारण तौर पर अनेक विभिन्न आदिवासी समूहों के सदस्यों का जमावड़ा है ,जिन्होंने लोहा गलाने का काम चुन लिया है. क्या डिंडोरी मंडला अनूपपुर शहडोल सीधी  सिंगरौली के अगरिया वही अगरिया है जो गोंडो की एक शाखा है जिन्होंने लोहे का काम करना शुरू कर दिया है।  और इसलिए धीरे धीरे वे एक विशेष समुदाय के रूप में अलग हो गए है। बिलासपुर के चोख अगरिया कोरबा उपजाति से बहुत मिलते जुलते है ,क्या वे कोरबा छत्तीसगढ़ जनजाति का ही एक अलग वर्ग है जिन्होंने लोहा गलाने का काम सुरु कर  दिया है।  हम भारत के कुछ अन्य जगह के समस्याओं को रख कर बात कर सकते है। रिसले ने बताया है की बिहार तथा पशिचम बंगाल के  लो...