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संदेश

अगरिया जोड़ो अभियान 2025 ज़िला अनूपपुर के ग्राम पयारी मे संपन्न हुआ ll

ज़िला अनूपपुर ब्लॉक पुष्पराजगढ़ के ग्राम पयारी मे अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम सम्पन्न हुआ ll लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के नेतृत्व मे दिनांक 15/06/2025 को ज़िला अनूपपुर ग्राम - पयारी ब्लॉक पुष्पराजगढ़ मे ज़िला स्तरीय अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम सम्पन्न हुआ ll जहाँ लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के संस्थापक श्री दशरथ प्रसाद अगरिया उपस्थित हुए ll

ज़िला कोरबा छत्तीसगढ़ मे 5जून विश्व पर्यावरण दिवस पर अगरिया समाज संगठन भारत के नेतृत्व मे वृहद वृक्षारोपण का कार्यक्रम हुआ ll

राष्ट्रीय लौह प्रगलक अगरिया समाज महासंघ भारत के अनुसार संगठन अंतर्गत लगभग सभी जिलों के प्रत्येक ब्लॉक मे कम से कम 10 पौधों का रोपण किया जाना था जहाँ ये कार्यक्रम सभी जिलों मे संपन्न हुआ ll ये कार्यक्रम संगठन से जुडा ज़िला कोरबा मे भी संपन्न हुआ जहाँ कोरबा ज़िलाध्यक्ष दादा दिलहरण अगरिया जी के नेतृत्व मे वृक्षारोपण रोपण कार्यक्रम किया गया जहाँ कोरबा जिले के प्रत्येक ब्लॉक मे 10-10 पौधों का रोपण हुआ कोरबा ज़िला के करतला ब्लॉक से सबसे अधिक मात्रा मे वृक्षारोपण हुआ वहा से कार्यवाहक ब्लॉक अध्यक्ष श्री राकेश अगरिया जी एवं उनके पूरी टीम ने मिलकर 20 वृक्षारोपण किये जिनके नाम निम्नानुसार है-रोहित अगरिया आम  , गुराबरीन अगरिया  आम पौध,शिवा संकर  अगरिया   पपिता,मिनी अगरिया अमरूद ,जगरनाथ अगरिया  अमरूद , गायत्री अगरिया जामुन इत्यादि वृक्षों का रोपण किया गया ll  के साथ ही ज़िला कोरबा के सभी ब्लॉक से पौधरोपण हुआ ll कोरबा ज़िला के माननीय जिलाध्यक्ष महोदय दादा दिलहरण अगरिया जी ने वृक्षारोपण किये और सभी को...

ज़िला अनूपपुर मे वृक्षारोपण 5 जून 2022 को राष्ट्रीय लौह प्रगलक अगरिया समाज महासंघ भारत के मार्गदर्शन मे ll

राष्ट्रीय लौह प्रगलक अगरिया समाज महासंघ भारत के की ओर से  5 जून विश्व पर्यावरण दिवस पर सम्पूर्ण भारत अंतर्गत संगठन से जुड़ें सभी जिलों मे वृहद स्तर पर वृक्षारोपण का कार्यक्रम संपन्न हुआ जहाँ ज़िला के प्रत्येक ब्लॉक मे कम कम 10 पौधे का रोपण करना था जहाँ आज मै आपको ज़िला अनूपपुर मे हुए वृक्षारोपण रोपण का छाया चित्र लाया हु ll जहाँ मै एवं मेरा परिवार मिलकर वृक्षारोपण किये ll तथा हमारे जिले के सभी 4 ब्लॉक से वृक्षारोपण हुआ ll जिसमे कोतमा ब्लॉक से ब्लॉक अध्यक्ष श्री मयाराम अगरिया जी, अनूपपुर ब्लॉक से मै एवं मेरा पूरा परिवार, एवं पार्वती अगरिया, पुष्पराज गढ़ से ब्लॉक अध्यक्ष माखन अगरिया जी एवं उनकी पूरी टीम, तथा जैतहरी ब्लॉक से भगवान दास अगरिया जी ने वृक्षारोपण किये ll वृक्षारोपण एक सार्वजानिक राष्ट्रीय हित का कार्य है ll वृक्ष हमें फल, लकड़ी, छाया एवं कई सुविधाएं प्रदान करते है ll पर्यावरण को सुरक्षित करना हमारा प्रथम कर्तव्य है जहाँ आज अगरिया समाज की ओर से ये कदम उठाया गया ll और अगरिया समाज प्रति वर्ष सम्पूर्ण भारत अंतर्गत संगठन की ओर से वृक्षारोपण करेंगा ll आपको हम हर जिले मे हुए वृक्षारो...

नारी शक्ति सुविचार

ज़िला सिंगरौली के दशगात्र कार्यक्रम मे अगरिया समाज संगठन के कार्यकर्त्ता साथियों ने शोकाकुल परिवार को सहायता राशि प्रदाय किये ll

कल दिनांक -23/05/2022को मध्यप्रदेश का ज़िला सिंगरौली के ग्राम बोदा मे अगरिया समाज के स्व. नन्हू राम अगरिया गोत्र अहिंदवार जी के दशगात्र कार्यक्रम पर अगरिया समाज संगठन भारत के कार्यकर्त्ता साथियो ने उस परिवार को अगरिया समाज संगठन के नियमानुसार सहायता राशि प्रदाय किये ll एवं सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम किये ll जहाँ सभी को संगठन की विचार धारा, उद्देश्य से परिचित कराते हुए समाज को आगे बढ़ाने, शिक्षित, संस्कारी, नशा मुक्त समाज बनाने के लिए संगठन से जुड़ने के लिए प्रेरित किये ll कार्यक्रम मे सिंगरौली ज़िला के संगठन से जुड़ें कार्यकर्त्ता नारायण अगरिया जी ने बताया की सभी स्वजातीय बंधु यहाँ समाज के उत्थान एवं विकास के लिए संगठन के विचार धारा मे कार्य करते हुए समाज को जागरूक कर रहे है एवं संगठन के हर गतिविधि को समाज मे लागू करते जा रहे है ll उन्होंने कहा समाज हमारा है और हमारी जिम्मेदारी है की हम सब मिलकर समाज को आगे बढ़ाये जिससे हमारा समाज के सशक्त समाज हो ll सभी को मिलकर संगठन को मजबूत बनाना है जुड़ना है तभी समाज का उत्थान एवं विकास होगा ll कार्यक्रम मे सिंगरौली ज़िला के कई ग्रामो से स्वज...

अगरिया जनजाति के प्रमुख औजार

अगरिया जनजाति के प्रमुख औजार   संसी  Sansi -लोहा या किसी भी वस्तु को पकड़ा जाता है और हथोड़ा से पीटा जाता है  लंगड़ी संसी या कैची संसी - 2 -हथौड़ा या हथौड़ी -हथौड़ा से पीटा जाता है किसी भी लोहे की वस्तु या किसी भी सामग्री को।  तथा आकार दिया जाता है।  3 -घन या घान - लोहे की बड़ी वस्तु को आकार देने के लिए घन से पीटा जाता है  4 -छेनी -छेनी का प्रयोग लोहा ,लोहे के सामान या किसी अन्य वस्तु को काटने में किया जाता है।  5-निहाई -लोहे को निहाई में रख कर पीटा जाता है।   6-  पंखी  या पंखा  या धौकनी -  पंखा या  धौकनी से भट्ठी को हवा दिया जाता है।   7 -रेती -औजार या किसी लोहे की वस्तु को चमकाने या धारदार तथा नुकीला बनाने के लिए उपयोग किया जाता है।  8 -पवारी -कोई भी घरेलु उपयोग के लोहे की सामग्री या कृषि यंत्र सामग्री में हत्था लगाने हेतु होल या छेद बनाने के काम में आता है  9 -सुम्मी या सुमि -घरेलु उपयोग की सामग्री या कोई औजार या कोई अन्य लोहे के कृषि यंत्र में छोटे छोटे छेद बनाने के लिए उपयोग क...

सबसे पहले लोहा किसने बनाया ll सर्वप्रथम लोहा का अविष्कार खोज किसने किया ll

सबसे पहले लोहा बनाने वाली जनजाति "अगरिया जनजाति" है जिसने सबसे पहले लौह अयस्क की पहचान की और लौह अयस्क को भट्ठी मे डालकर पिघलाकर लोहा बनाया ll इसके साक्ष्य प्रमाण आज भी अगरिया जनजाति,अगरिया समाज के पास मिलता है चेपूआ जिससे भट्ठी को धौंका जाता है मिलता है और अगरिया जनजाति आज भी इस संस्कृति को अपनाया हुआ है ll आज के इस परिवेश मे भी अगरिया जनजाति लौह का प्रगलन लौह अयस्क के माध्यम से करता है ll सबसे पहले अगरिया जनजाति द्वारा लौह प्रगलन अगरिया जनजाति ने किया इसका साक्ष्य कई अंग्रेज लेखकों के पुस्तकों मे भी मिलता है ll अगरिया जनजाति पूर्व अनादिकाल से जंगल मे निवास करते हुए लोहा गलाता रहा है जिसका साक्ष्य आज भी मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ के कई जिलों के जंगलो मे भी देखने को आज भी मिलता है ll जहाँ लौह अयस्क टुकड़े,पिघले लोहे के छोटे छोटे टुकड़े, वो आधा टूटा हुआ भट्ठी  का गेरा जिसमे लौह अयस्क को डाल कर चेपूआ चलाया जाता है आज भी जंगलो मे मिलता है ll अगरिया जनजाति का कार्य व्यवसाय लोहा से जुडा हुआ है लोहा के औजार बनाना,घरेलु उपयोगी सामग्री बनाना, हथियार बनाना इत्यादि ll 👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇...

समाज मे सभी बदलाव लाना चाहते है उसके लिए समय दान आवश्यक है

🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿 👉🏻संगठन की बस एक आवाज़ संगठित हो अपना अगरिया समाज 🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴 आज हर समाज संगठित हो रहा है और अपने समाज को मजबूत बना रहे है अपने समाज मे बदलाव कर रहे जिसका प्रभाव देखने को मिलता है की समाज मे शिक्षा का स्तर बढ़ रहा है, समाज मे नशा कम हो रहा है, समाज मे एक दुसरे के प्रति मान सम्मान बढ़ रहा है, समाज संस्कारी जो रहा है, तो हमारा समाज क्यों पीछे रहे क्या हम मे लोगो को जागरूक करने की क्षमता नहीं है क्या हम पढ़े लिखें नहीं है या फिर हमारे पास संगठन नहीं है या फिर हमारे समाज के सामाजिक बंधु समाज के प्रति सकारात्मक नहीं है या समाज मे महिलाये अपना योगदान नहीं देना चाहते यदि ये सब बात होगा तो संगठन को सोचना होगा कार्यकर्ताओ को सोचना होगा, वीरँगनाओ को सोचना होगा, समाज मे आगे आना होगा, आज समाज की आवाज़ है की आइये इस विलुप्त होते समाज के अस्तित्व को बचाइये ये एक गौरव शाली समाज है जिसका इतिहास पूर्व से आदरणीय था और आगे भी आदरणीय रहेगा बस यदि कदर नहीं है तो हमको ll पहचानिये अपने समाज के उन बिन्दुओ को जहाँ आपको कार्य करने की आवश्यकता है, अपने आप को अपने लोगो को संगठन मे लाइये, ...