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संदेश

दिनांक 08/12/2025 को गढ़वा झारखंड के कार्यकर्त्ता साथियों ने ज़िला कलेक्टर को सौपा ज्ञापन (लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के नेतृत्व मे)

लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के नेतृत्व मे ज़िला इकी गढ़वा झारखंड के कार्यकर्ता साथियों ने अगरिया जनजाति समाज की समस्याओ को लेकर सौपे ज्ञापन ll 👇 दिनांक 08/12/2025 को ज़िला - गढ़वा झारखंड के कार्यकर्त्ता स्वजातीय बंधुओ ने ज़िला ज़िला कलेक्टर को अगरिया जनजाति समाज को विशेष पिछड़ी जनजाति मे शामिल किये जाने को लेकर ज्ञापन सौपे ll गढ़वा जिलाध्यक्ष श्री शिवशंकर अगरिया जी ने बताया की अगरिया समाज हमारा अत्यंत पिछड़ा हुआ समाज है इस समाज का रहन सहन अत्यंत न्यून है, समाज मे शिक्षा का स्तर शून्य है, इस समाज के लोग ना तो नौकरी मे है ना ही व्यावसायिक है ll अगरिया जनजाति समाज के स्तर को बेहतर बनाने के लिए भारत सरकार एवं राज्य सरकार को ध्यान देना पड़ेगा तभी ये समाज अन्य समाजो की तरह बेहतर हो सकेगा ll शिक्षा, नौकरी मे विशेष आरक्षण की आवश्यकता है ll ज्ञापन सौपने गढ़वा जिलाध्यक्ष श्री शिवशंकर अगरिया जी, उपाध्यक्ष श्री संजय अगरिया जी, अमरनाथ अगरिया जी सहित कई स्वजातीय बंधु ने अपनी भूमिका निभाई ll... #

दिनांक 08/12/2025 को गढ़वा झारखंड के कार्यकर्त्ता साथियों ने ज़िला कलेक्टर को सौपा ज्ञापन (लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के नेतृत्व मे)

लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के नेतृत्व मे ज़िला इकी गढ़वा झारखंड के कार्यकर्ता साथियों ने अगरिया जनजाति समाज की समस्याओ को लेकर सौपे ज्ञापन ll 👇 दिनांक 08/12/2025 को ज़िला - गढ़वा झारखंड के कार्यकर्त्ता स्वजातीय बंधुओ ने ज़िला ज़िला कलेक्टर को अगरिया जनजाति समाज को विशेष पिछड़ी जनजाति मे शामिल किये जाने को लेकर ज्ञापन सौपे ll गढ़वा जिलाध्यक्ष श्री शिवशंकर अगरिया जी ने बताया की अगरिया समाज हमारा अत्यंत पिछड़ा हुआ समाज है इस समाज का रहन सहन अत्यंत न्यून है, समाज मे शिक्षा का स्तर शून्य है, इस समाज के लोग ना तो नौकरी मे है ना ही व्यावसायिक है ll अगरिया जनजाति समाज के स्तर को बेहतर बनाने के लिए भारत सरकार एवं राज्य सरकार को ध्यान देना पड़ेगा तभी ये समाज अन्य समाजो की तरह बेहतर हो सकेगा ll शिक्षा, नौकरी मे विशेष आरक्षण की आवश्यकता है ll ज्ञापन सौपने गढ़वा जिलाध्यक्ष श्री शिवशंकर अगरिया जी, उपाध्यक्ष श्री संजय अगरिया जी, अमरनाथ अगरिया जी सहित कई स्वजातीय बंधु ने अपनी भूमिका निभाई ll... #

शहडोल सांसद माननीय श्री मति हिमाद्री सिंह जी से जी मिलकर मैनेजिंग डायरेक्टर दशरथ प्रसाद अगरिया एवं कार्यकर्त्ता अनूपपुर अगरिया समाज की समाज की समस्याओ को लेकर ज्ञापन सौपे ll

आज दिनांक 26/11/2025 को लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन मैनेजिंग डायरेक्टर (संस्थापक) दशरथ प्रसाद अगरिया जी एवं ज़िला अनूपपुर मप्र के कार्यकर्त्ता साथियों ने अगरिया समाज की समस्याओ को लेकर ज्ञापन सौपे ll  फाउंडेशन मैनेजिंग डायरेक्टर दशरथ प्रसाद अगरिया द्वारा बताया गया की अगरिया जनजाति समाज आदिम काल की वह जनजाति समाज है जिसने सर्व प्रथम इस दुनिया मे लौह अयस्क की पहचान किया तथा पारम्परिक तरीके से लौह अयस्क को गलाकर लोहा बनाया ll  अगरिया जनजाति एक वैज्ञानिक जनजाति समाज है क्योंकि पारम्परिक तरीके से सर्वप्रथम लोहा बनाने वाली जनजाति समाज अगरिया जनजाति समाज है ll यह जनजाति समाज पूर्व मे जंगलो मे निवास करता रहा है और अपने लोहा बनाने की पारम्परिक तकनीक के साथ लोहा बनाते हुए उसी लोहा से क़ृषि उपयोगी सामग्री, घरेलु एवं अन्य उपयोगी औजार बनाकर अपना जीवन यापन करते रहे है ll लेकिन जैसे जैसे सरकार द्वारा लौह अयस्क पर बैन ( प्रतिबन्ध) लगा व्यवसाय इस समाज का छिन सा गया और ये गांव गांव मे जाकर अपने रोजी रोटी मे लोहा का काम करके जीवन यापन करने लगे जिससे समाज मे शिक्षा, व्यावसाय, नौकरी त...

अगरिया जनजाति को विशेष पिछड़ी जनजाति मे सम्मिलित करने हेतु अगरिया समाज के कार्यकर्ताओ ने मुख्यमंत्री एवं आयोग के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिए ll साथ मे अगरिया समाज के राष्ट्रीय सामुदायिक भवन निर्माण के लिए भूमि आवंटन हेतु पत्र दिए कलेक्टर को ll

आज दिनांक 29/12/2023 को लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के कार्यकर्ताओ ने अगरिया जनजाति के अस्तित्व एवं संरक्षण के लिए पहल करते हुए राज्य सरकार के नाम जिले मे जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौपे ll आपको बता दे लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन सतत अगरिया जनजाति समाज के संरक्षण एवं समाज के अस्तित्व, संस्कृति को बचाये रखने का पहल कर रहा हैं तथा सम्पूर्ण अगरिया अगरिया जनजाति के उत्थान विकास के लिए कार्यरत हैं ll अगरिया आदिवासी समाज के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए जहाँ फाउंडेशन समाज मे शिक्षा के लिए सहयोग करता हैं तथा अच्छे अंक 10वी 12वी मे आने पर बच्चों एवं माता पिता को पुरुस्कार देकर मंच मे सम्मानित करता हैं ll तो वही आज फाउंडेशन के कार्यकर्त्ता साथियों ने अगरिया जनजाति को विशेष पिछड़ी जनजाति मे सम्मिलित किये जाने एवं अगरिया जनजाति गौरव दिवस ऐछिक अवकाश 15 नवंबर को राज्य सरकार द्वारा घोषित करने को लेकर  अपनी मांग कई राज्यों ने आज माननीय मुख्यमंत्री एवं अनुसूचित जनजाति आयोग के नाम जिले मे श्री मान कलेक्टर महोदय को ज्ञापन सौपे ll ...

अगरिया जनजाति गौरव दिवस 2025 (लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन 6वा स्थापना दिवस)कोतमा मे संपन्न

अगरिया जनजाति गौरव दिवस 2025 (लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन का 6वा स्थापना दिवस 2025) संपन्न हुआ कोतमा मे ll अगरिया जनजाति समाज के उत्थान एवं विकास का संस्था लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन का 6वा स्थापना दिवस जिसे अगरिया जनजाति समाज के लोग अगरिया जनजाति गौरव दिवस के रूप मे मनाते है कोतमा मे दिनांक 15/11/2025 को संपन्न हुआ ll फाउंडेशन संस्थापक श्री दशरथ प्रसाद अगरिया जी द्वारा बताया गया जैसे की अगरिया जनजाति समाज आदिम काल की वो जनजाति समाज है जिसने आदिम काल मे सर्वप्रथम परंपरागत तरीके से लौह अयस्क (लौह पत्थर)को  मिट्टी के कोठी भट्ठी मे गलाकर लोहा बनाया और लोहा बनाने की पारम्परिक तकनीक को जन्म दिया ll इसलिए अगरिया जनजाति समाज अपने संस्कृति को लौह अयस्क से लोहा बनाने की संस्कृति को "अगरिया जनजाति गौरव दिवस" के रूप मे मानते है ll अगरिया जनजाति समाज एक प्रतिभाशाली वैज्ञानिक जनजाति समाज है, जो लोहा जैसी चमत्कारिक धातु को बनाकर पुरे देश दुनिया समाज को अवगत कराया ll भले ही आज अगरिया जनजाति समाज की संस्कृति को अपनाकर बड़ी बड़ी कम्पनियाँ आज लोहा बना रही है ll...

लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के संस्थापक

दशरथ प्रसाद अगरिया निवास ज़िला - अनूपपुर  राज्य - मध्यप्रदेश 

नवोदय विद्यालय मे 2026-27 मे कक्षा 9 मे प्रवेश हेतु फार्म भरना सुरु हो चुका है ll

9th me प्रवेश हेतु नवोदय की वेबसाइट सत्र 2026-27 मे जो बच्चे कक्षा 9 मे नवोदय विद्यालय मे प्रवेश लेना चाहते है उनके लिए खुसखबरी है की 9th प्रवेश हेतु ऑनलाइन आवेदन भरना सुरु हो चुका है ll इसलिए बिना देर किये जल्द से जल्द नवोदय विद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन भरे ll आवेदन कौन भर सकता है :- आवेदन भरने के लिए 2025-26 मे कक्षा 8 का छात्र होना आवश्यक है और आप जिस राज्य और जिले से होंगे आपको आवेदन भरने के दौरान वही राज्य और ज़िला चुनना होगा ll आवेदन भरने के लिए जरुरी दस्तावेज क्या लगेगा :- आवेदन भरने के लिए कोई खास दस्तावेज नहीं लगना है केवल छात्र की फोटो,  छात्र का हस्ताक्षर, एवं पिता या माता का पालक का हस्ताक्षर लेकर आप नवोदय विद्यालय के कक्षा 9 मे सत्र 2026-27 मे प्रवेश हेतु आवेदन कर सकते है ll आवेदन भरने की अंतिम तिथि क्या है :- नवोदय विद्यालय कक्षा 9 मे 2026-27 मे प्रवेश हेतु अंतिम तिथि 23 सितम्बर 2025 निर्धारित किया गया है ll निर्धारित तिथि तक आवेदन किया जा सकता है ll  आवेदन भरने के उपरांत चयन की प्रक्रिया क्या होगी :-  आवेदन भरने के उपरांत...

अगरिया जनजाति सोनवानी गोत्र (सोनवानी गोत्र)

अगरिया जनजाति (Agariya Tribe) भारत की एक परंपरागत आदिवासी जनजाति है, जो मुख्य रूप से लोहा गलाने और लोहा बनाने की पारंपरिक तकनीक के लिए जानी जाती है। यह जनजाति मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों में पाई जाती है। अगरिया समाज में कई गोत्र (वंश या कुल) पाए जाते हैं। इन्हीं में से एक प्रमुख गोत्र है “सोनवानी गोत्र”। सोनवानी गोत्र का परिचय:- 1. अर्थ और मान्यता – “सोनवानी” शब्द दो भागों से मिलकर बना है – सोना (स्वर्ण) और वानी/वानीया (जल या पवित्रता से जुड़ा अर्थ)। इस गोत्र का संबंध पवित्रता और स्वर्णिम परंपरा से जोड़ा जाता है। 2. सामाजिक स्थान – सोनवानी गोत्र को अगरिया समाज में एक सम्मानजनक गोत्र माना जाता है। इस गोत्र के लोग पारंपरिक रूप से समाज के धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यों में अग्रणी भूमिका निभाते रहे हैं। 3. विशेषता – सोनवानी गोत्र के लोग प्रायः शुद्धता और नियमों के पालन में माने जाते हैं। विवाह आदि अवसरों पर यह गोत्र विशिष्ट धार्मिक जिम्मेदारी निभाता है। अन्य गोत्रों की तरह, यह गोत्र भी अपने अंदर विवाह संबंध नहीं करता (गोत्रांतर्गत विवाह निषिद्ध है)। 4. अगरिया ...

PVTG मे शामिल किये जाने को लेकर अनूपपुर के अगरिया समाज ने आवेदन दिया कलेक्टर कार्यालय मे ll

आज दिनांक 31/07/2025 को ज़िला अनूपपुर की ओर से फाउंडेशन के संस्थापक श्री दशरथ प्रसाद अगरिया एवं साथी मिलकर ज़िला कलेक्टर ऑफिस मे  माननीय राष्ट्रपति महोदया भारत, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग मंत्रालय भारत सरकार, अनुसूचित जनजाति आयोग मध्यप्रदेश, प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश शाशन आदिम जाती अनुसन्धान एवं विकास संस्थान मध्यप्रदेश एवं माननीय मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश के नाम ज्ञापन सौपे ll  ज्ञापन मे फाउंडेशन द्वारा मुख्यतः दो मांगो का उल्लेख किया गया है जिसमे से पहला :-  (1)ज्ञापन मे अगरिया जनजाति समाज की मांग अगरिया जनजाति समाज को विशेष पिछड़ी जनजाति (PVTG) मे शामिल किये जाने को लेकर रहा है ll अगरिया जनजाति समाज के लोगो का कहना है अगरिया जनजाति समाज शिक्षा, व्यवसाय, नौकरी एवं सामाजिक रहन सहन मे बहुत ज्यादा पिछड़ा समाज का इस समाज की स्थिति बहुत ही दयनीय है समाज मे ना तो लोग सरकारी नौकरी मे है, ना ही समाज मे शिक्षा है, ना ही समाज मे अच्छे व्यावसायिक है और ना ही इस समाज का सामाजिक रहन सहन बेहतर है ll मध्यप्रदेश मे आदिवासी समाज को यदि देखा जाए तो आज सभी समाज जिनको PVTG का दर्जा प...

मध्यप्रदेश मे अगरिया जनजाति का अस्तित्व

मध्यप्रदेश में अगरिया जनजाति के अस्तित्व के बारे में जानकारी: 1. परिचय: अगरिया जनजाति भारत के पारंपरिक आदिवासी समुदायों में से एक है, जो मुख्यतः मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और छत्तीसगढ़ में पाई जाती है। यह जनजाति ऐतिहासिक रूप से लोहा गलाने (Iron Smelting) की पारंपरिक कला के लिए जानी जाती है। 2. मध्यप्रदेश में उपस्थिति: अगरिया जनजाति मुख्य रूप से सिंगरौली, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया और डिंडोरी जिलों में पाई जाती है। यह जनजाति विशेषकर वनवासी क्षेत्रों में रहती है और पारंपरिक जीवनशैली अपनाए हुए है। 3. पारंपरिक पहचान: अगरिया लोग पारंपरिक रूप से लोहे को गलाकर औजार, खेती के उपकरण और हथियार बनाते थे। यह कार्य वे कोठी भट्ठी और धौकनी की मदद से करते थे। इनकी यह पारंपरिक तकनीक पूरी तरह स्वदेशी और पर्यावरण के अनुकूल थी। 4. सामाजिक और आर्थिक स्थिति: आज अगरिया जनजाति आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़ी हुई मानी जाती है। इनकी पारंपरिक धंधा (लोहा गलाना) अब लगभग विलुप्त हो चुका है, क्योंकि आधुनिक तकनीक और औद्योगीकरण ने इसे प्रतिस्थापित कर दिया। आजकल यह समुदाय खेती, मजदूरी, वनोपज संग्रहण जैसे कार्यों मे...

अगरिया जोड़ो अभियान 2025 ज़िला अनूपपुर के ग्राम पयारी मे संपन्न हुआ ll

ज़िला अनूपपुर ब्लॉक पुष्पराजगढ़ के ग्राम पयारी मे अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम सम्पन्न हुआ ll लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के नेतृत्व मे दिनांक 15/06/2025 को ज़िला अनूपपुर ग्राम - पयारी ब्लॉक पुष्पराजगढ़ मे ज़िला स्तरीय अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम सम्पन्न हुआ ll जहाँ लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के संस्थापक श्री दशरथ प्रसाद अगरिया उपस्थित हुए ll

अगरिया जनजाति द्वारा पारम्परिक तरीके से लोहा कैसे बनाया जाता है ll

अगरिया जनजाति द्वारा लोहा बनाने की पारंपरिक विधि भारत की आदिम जनजातियों में एक विशेष स्थान रखती है। यह प्रक्रिया पूरी तरह पारंपरिक और प्रकृति से जुड़ी हुई होती है। नीचे इस प्रक्रिया को चरण बद्ध तरीके से समझने और समझाने का प्रयास कर रहा हु ll

ज़िला कोरिया छ्ग ग्राम - बर्दिया मे अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम 2025 सम्पन्न लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के नेतृत्व मे

ज़िला इकाई कोरिया छत्तीसगढ़ मे अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम 2025 लौह  प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के नेतृत्व मे दिनांक - 01/06/2025 दिन रविवार को 🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷 दिनांक 01/06/2025 को ज़िला कोरिया छत्तीसगढ़ के ग्राम - बर्दिया मे अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम सत्र -2025 का संपन्न हुआ ll अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम प्रत्येक वर्ष फाउंडेशन से जुड़े सभी जिलों मे माह - मार्च से अप्रैल माह मे संपन्न होता है, लेकिन यदि किन्ही कारण वश कोई ज़िला इस कार्यक्रम को निर्धारित माहऐ सम्पन्न नहीं करा पाता है तो उसे ज़िला वासी मई -जून माह मे भी सम्पन्न करा सकते है ll फाउंडेशन संस्थापक / मैनेजिंग डायरेक्टर DASHRATH PRASAD AGARIYA  जी का कहना है अगरिया जोड़ो अभियान कार्यक्रम लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुहीम आंदोलन है जिसका उद्देश्य जिलों जिलों के अगरिया जनजाति समाज को लौह

अगरिया जनजाति के बारे मे (about agariya tribe)

अगरिया जनजाति भारत की एक पारंपरिक आदिवासी जनजाति है, जो मुख्यतः मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, और झारखंड में निवास करती है। यह जनजाति खासकर पारंपरिक लोहा गलाने और लोहे के औजार बनाने के लिए जानी जाती है। इनकी पहचान भारत की सबसे प्राचीन धातुकार जातियों में होती है। अगरिया जनजाति की प्रमुख विशेषताएँ: 1. पारंपरिक पेशा – लोहा गलाना: अगरिया लोग पारंपरिक रूप से लोहे की खदानों से कच्चा लोहा (आयरन ओर) लाकर उसे भट्ठियों में गलाकर औजार, हथियार और उपकरण बनाते थे। ये अपने बनाए औजार गाँव के किसानों, लकड़हारों और दस्तकारों को बेचते थे। 2. पारंपरिक तकनीक: ये लोग लकड़ी की धौंकनी (फुकनी), मिट्टी की भट्ठी और हाथ से बनाए औजारों का उपयोग करते हैं। इनकी तकनीक बेहद सहज और पर्यावरण-संगत होती है। 3. भूगोलिक वितरण: मध्य प्रदेश के शहडोल, डिंडोरी, अनूपपुर, सीधी, सिंगरौली, उमरिया, मंडला, बालाघाट आदि ज़िलों में इनकी बड़ी आबादी है। छत्तीसगढ़ में कोरिया मनेन्द्रगढ़ कबीरधाम आदि में ये बसे हैं। 4. समाज और संस्कृति: ये प्रकृति-पूजक होते हैं और धरती माता, आग, लोहा आदि की पूजा करते हैं। अगरिय...

रायगढ़ छ. ग मे अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम 2025 सम्पन्न हुआ ll लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के नेतृत्व मे ll

लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के नेतृत्व मे ज़िला रायगढ़ के ग्राम - सराई पाली मे दिनांक - 20/04/2025 को अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम सम्पन्न हुआ ll अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम फाउंडेशन का एक बहुत ही अहम और मुख्य अभियान है जिसका उद्देश्य सम्पूर्ण भारत मे अगरिया जनजाति समाज को संगठित करना एवं समाज के सम्पूर्ण उत्थान एवं विकास मे फाउंडेशन द्वारा चलाये जा रहे मुहीम से अगरिया जनसमुदाय अवगत कराना है ll  कार्यक्रम का आयोजन  ज़िला इकाई रायगढ़ समिति ज़िलाध्यक्ष श्री उबरन अगरिया जी एवं पूरी ज़िला टीम के सफल प्रयास से संभव हुआ ll 

दशरथ प्रसाद अगरिया (संस्थापक) लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के बारे मे ll

                  दशरथ प्रसाद अगरिया  आइये आज जानते है अगरिया आदिवासी समाज के  एक महान समाज सेवी अगरिया जनजाति समाज को एक पहचान देने वाले महान शख्स श्री दशरथ प्रसाद अगरिया (संस्थापक) लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के बारे मे जिन्होंने अगरिया जनजाति के अस्तित्व, संस्कृति, एवं पहचान को उजागर करने की पहल किये और आज पूरे भारत मे जिन्होंने अगरिया समाज को एक पहचान दिलाने का कार्य किये ll आज इनके अथक प्रयास और मेहनत से आज अगरिया समाज संगठित हुआ जिलों जिलों मे अगरिया समाज की समिति बनी और जिलों मे लोग अपने समाज अस्तित्व के लिए सामाजिक कार्य जागरूकता जैसे गतिविधि करने लगे ll अगरिया समाज मे इनके द्वारा जागरूकता लाने से पहले कभी भी अगरिया समाज मे सामाजिक संगोष्टी, एवं सामाजिक जागरूकता जैसे सामाजिक रहन सहन, शिक्षा, नशा मुक्ति जैसे कोई कार्यक्रम नहीं होता था लेकिन इनके प्रयास के बाद लोगो मे जागरूकता बढ़ी और लोग अपने समाज को बेहतर शिक्षित सभ्य और संस्कारी समाज बनाने तथा सामाजिक रहन सहन को बेहतर बनाने के लिए आज जिलों जिलों म...

सीधी मध्यप्रदेश के ग्राम सोनगढ़ मे अगरिया समाज जोड़ो अभियान संपन्न हुआ दिनांक 31/03/2025 को ll लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन

लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन का प्रमुख कार्यक्रम अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम जो फाउंडेशन से जुड़े लगभग सभी राज्यों के जिलों मे प्रति वर्ष माह मार्च - अप्रैल मे संपन्न होता है ll जहाँ लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन की ओर से प्रत्येक जिले के नोडल कार्यकर्ता अधिकारी नियुक्त किये जाते है जो जिलों मे उपस्थित होकर कार्यक्रम को सम्पन्न कराते है ll नियुक्त नोडल द्वारा फाउंडेशन के एजेंडा को विश्लेषण करते हुए उपस्थित सामाजिक स्वजातीय बंधुओ को विधिवत समझाया जाता है और कार्यक्रम के अंत मे उपस्थित स्वजातीय बंधुओ को शपथ ग्रहण करवाया जाता है ll  अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम का उद्देश्य अगरिया जनजाति जो की आज के इस आधुनिक परिवेश मे भी शिक्षा, व्यवसाय, नौकरी, सामाजिक रहन सहन मे पिछड़ी जनजाति है जिसके स्तर मे सामाजिक जागरूकता के लिए इस कार्यक्रम को आयोजित कराया जाता है जिससे इस समाज मे जागरूकता आ सके और समाज सशक्त हो सके ll ज़िला सीधी के ग्राम सोनगढ़ मे अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम का आयोजन  दिनांक 31/03/2025 को हुआ ll जहाँ ज़िला सीधी के लिए नियुक्त नोडल...