आज दिनांक 31/07/2025 को ज़िला अनूपपुर की ओर से फाउंडेशन के संस्थापक श्री दशरथ प्रसाद अगरिया एवं साथी मिलकर ज़िला कलेक्टर ऑफिस मे माननीय राष्ट्रपति महोदया भारत, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग मंत्रालय भारत सरकार, अनुसूचित जनजाति आयोग मध्यप्रदेश, प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश शाशन आदिम जाती अनुसन्धान एवं विकास संस्थान मध्यप्रदेश एवं माननीय मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश के नाम ज्ञापन सौपे ll ज्ञापन मे फाउंडेशन द्वारा मुख्यतः दो मांगो का उल्लेख किया गया है जिसमे से पहला :- (1)ज्ञापन मे अगरिया जनजाति समाज की मांग अगरिया जनजाति समाज को विशेष पिछड़ी जनजाति (PVTG) मे शामिल किये जाने को लेकर रहा है ll अगरिया जनजाति समाज के लोगो का कहना है अगरिया जनजाति समाज शिक्षा, व्यवसाय, नौकरी एवं सामाजिक रहन सहन मे बहुत ज्यादा पिछड़ा समाज का इस समाज की स्थिति बहुत ही दयनीय है समाज मे ना तो लोग सरकारी नौकरी मे है, ना ही समाज मे शिक्षा है, ना ही समाज मे अच्छे व्यावसायिक है और ना ही इस समाज का सामाजिक रहन सहन बेहतर है ll मध्यप्रदेश मे आदिवासी समाज को यदि देखा जाए तो आज सभी समाज जिनको PVTG का दर्जा प...
अपने समाज में रहन-सहन, शिक्षा, और विचारों में बदलाव लाने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है। नीचे कुछ महत्वपूर्ण कदम दिए गए हैं:
1. शिक्षा पर ध्यान दें:-
साक्षरता अभियान चलाएं: शिक्षा के महत्व को समझाने के लिए जागरूकता अभियान चलाएं।
प्राकृतिक शिक्षा: बच्चों के साथ-साथ बड़ों को भी उनके जीवन से जुड़ी व्यावहारिक शिक्षा दें।
स्कूलों और संस्थानों का विकास: यदि आपके क्षेत्र में स्कूल या शिक्षण संस्थान नहीं हैं, तो उनके निर्माण के लिए सामुदायिक सहयोग लें।
2. जागरूकता बढ़ाएं:-
विचार-विमर्श: सामुदायिक बैठकों का आयोजन करें, जहां लोग समाज के मुद्दों पर खुलकर चर्चा कर सकें।
मीडिया और तकनीक का उपयोग: सोशल मीडिया, पोस्टर, और अन्य माध्यमों से जागरूकता फैलाएं।
3. आर्थिक सशक्तिकरण:-
स्वरोजगार: युवाओं और महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करें।
व्यावसायिक प्रशिक्षण: रोजगार संबंधी कौशल सिखाने के लिए प्रशिक्षण शिविर लगाएं।
सहायता समूह: सामुदायिक सहायता समूह बनाकर जरूरतमंदों को मदद दें।
4. सकारात्मक सोच को बढ़ावा दे :-
प्रेरक कहानियां साझा करें: सफल व्यक्तियों की कहानियां समाज के साथ साझा करें।
स्वयं नेतृत्व करें: खुद उदाहरण बनकर दिखाएं ताकि लोग प्रेरित हो सकें।
5. संस्कृति और परंपरा का सम्मान करें:-
सांस्कृतिक कार्यक्रम: परंपराओं को जीवित रखने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करें।
नवाचार जोड़ें: पारंपरिक रीति-रिवाजों को आधुनिक समाज के साथ तालमेल बैठाने का प्रयास करें।
6. स्वास्थ्य और स्वच्छता पर ध्यान दें:-
स्वच्छता अभियान: लोगों को स्वच्छता और स्वास्थ की आदतें सिखाएं।
स्वास्थ्य सेवाएं: स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं का प्रबंधन करें।
7. सामाजिक एकता को बढ़ावा दें:-
भेदभाव खत्म करें: जाति, धर्म, और लिंग के आधार पर भेदभाव मिटाने की कोशिश करें।
साझा प्रयास: सभी समुदायों को एक साथ मिलकर काम करने के लिए प्रेरित करें।
8. सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं:-
सरकार की योजनाओं और नीतियों की जानकारी फैलाएं और लोगों को उनका लाभ लेने के लिए प्रोत्साहित करें।
9. युवाओं को प्रेरित करें:-
युवाओं को समाज की समस्याओं को हल करने में सक्रिय भाग लेने के लिए प्रेरित करें।
उन्हें नेतृत्व करने के अवसर दें।
इन सभी प्रयासों में निरंतरता और सामूहिक भागीदारी आवश्यक है। बदलाव धीरे-धीरे आएगा, लेकिन सामूहिक प्रयासों से समाज में सकारात्मक परिवर्तन संभव है।
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