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दिनांक 08/12/2025 को गढ़वा झारखंड के कार्यकर्त्ता साथियों ने ज़िला कलेक्टर को सौपा ज्ञापन (लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के नेतृत्व मे)

लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के नेतृत्व मे ज़िला इकी गढ़वा झारखंड के कार्यकर्ता साथियों ने अगरिया जनजाति समाज की समस्याओ को लेकर सौपे ज्ञापन ll 👇 दिनांक 08/12/2025 को ज़िला - गढ़वा झारखंड के कार्यकर्त्ता स्वजातीय बंधुओ ने ज़िला ज़िला कलेक्टर को अगरिया जनजाति समाज को विशेष पिछड़ी जनजाति मे शामिल किये जाने को लेकर ज्ञापन सौपे ll गढ़वा जिलाध्यक्ष श्री शिवशंकर अगरिया जी ने बताया की अगरिया समाज हमारा अत्यंत पिछड़ा हुआ समाज है इस समाज का रहन सहन अत्यंत न्यून है, समाज मे शिक्षा का स्तर शून्य है, इस समाज के लोग ना तो नौकरी मे है ना ही व्यावसायिक है ll अगरिया जनजाति समाज के स्तर को बेहतर बनाने के लिए भारत सरकार एवं राज्य सरकार को ध्यान देना पड़ेगा तभी ये समाज अन्य समाजो की तरह बेहतर हो सकेगा ll शिक्षा, नौकरी मे विशेष आरक्षण की आवश्यकता है ll ज्ञापन सौपने गढ़वा जिलाध्यक्ष श्री शिवशंकर अगरिया जी, उपाध्यक्ष श्री संजय अगरिया जी, अमरनाथ अगरिया जी सहित कई स्वजातीय बंधु ने अपनी भूमिका निभाई ll... #

अगरिया जनजाति सोनवानी गोत्र (सोनवानी गोत्र)

अगरिया जनजाति (Agariya Tribe) भारत की एक परंपरागत आदिवासी जनजाति है, जो मुख्य रूप से लोहा गलाने और लोहा बनाने की पारंपरिक तकनीक के लिए जानी जाती है। यह जनजाति मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों में पाई जाती है। अगरिया समाज में कई गोत्र (वंश या कुल) पाए जाते हैं। इन्हीं में से एक प्रमुख गोत्र है “सोनवानी गोत्र”। सोनवानी गोत्र का परिचय:- 1. अर्थ और मान्यता – “सोनवानी” शब्द दो भागों से मिलकर बना है – सोना (स्वर्ण) और वानी/वानीया (जल या पवित्रता से जुड़ा अर्थ)। इस गोत्र का संबंध पवित्रता और स्वर्णिम परंपरा से जोड़ा जाता है। 2. सामाजिक स्थान – सोनवानी गोत्र को अगरिया समाज में एक सम्मानजनक गोत्र माना जाता है। इस गोत्र के लोग पारंपरिक रूप से समाज के धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यों में अग्रणी भूमिका निभाते रहे हैं। 3. विशेषता – सोनवानी गोत्र के लोग प्रायः शुद्धता और नियमों के पालन में माने जाते हैं। विवाह आदि अवसरों पर यह गोत्र विशिष्ट धार्मिक जिम्मेदारी निभाता है। अन्य गोत्रों की तरह, यह गोत्र भी अपने अंदर विवाह संबंध नहीं करता (गोत्रांतर्गत विवाह निषिद्ध है)। 4. अगरिया ...

PVTG मे शामिल किये जाने को लेकर अनूपपुर के अगरिया समाज ने आवेदन दिया कलेक्टर कार्यालय मे ll

आज दिनांक 31/07/2025 को ज़िला अनूपपुर की ओर से फाउंडेशन के संस्थापक श्री दशरथ प्रसाद अगरिया एवं साथी मिलकर ज़िला कलेक्टर ऑफिस मे  माननीय राष्ट्रपति महोदया भारत, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग मंत्रालय भारत सरकार, अनुसूचित जनजाति आयोग मध्यप्रदेश, प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश शाशन आदिम जाती अनुसन्धान एवं विकास संस्थान मध्यप्रदेश एवं माननीय मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश के नाम ज्ञापन सौपे ll  ज्ञापन मे फाउंडेशन द्वारा मुख्यतः दो मांगो का उल्लेख किया गया है जिसमे से पहला :-  (1)ज्ञापन मे अगरिया जनजाति समाज की मांग अगरिया जनजाति समाज को विशेष पिछड़ी जनजाति (PVTG) मे शामिल किये जाने को लेकर रहा है ll अगरिया जनजाति समाज के लोगो का कहना है अगरिया जनजाति समाज शिक्षा, व्यवसाय, नौकरी एवं सामाजिक रहन सहन मे बहुत ज्यादा पिछड़ा समाज का इस समाज की स्थिति बहुत ही दयनीय है समाज मे ना तो लोग सरकारी नौकरी मे है, ना ही समाज मे शिक्षा है, ना ही समाज मे अच्छे व्यावसायिक है और ना ही इस समाज का सामाजिक रहन सहन बेहतर है ll मध्यप्रदेश मे आदिवासी समाज को यदि देखा जाए तो आज सभी समाज जिनको PVTG का दर्जा प...