अगरिया जनजाति (Agariya Tribe) भारत की एक परंपरागत आदिवासी जनजाति है, जो मुख्य रूप से लोहा गलाने और लोहा बनाने की पारंपरिक तकनीक के लिए जानी जाती है। यह जनजाति मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों में पाई जाती है। अगरिया समाज में कई गोत्र (वंश या कुल) पाए जाते हैं। इन्हीं में से एक प्रमुख गोत्र है “सोनवानी गोत्र”। सोनवानी गोत्र का परिचय:- 1. अर्थ और मान्यता – “सोनवानी” शब्द दो भागों से मिलकर बना है – सोना (स्वर्ण) और वानी/वानीया (जल या पवित्रता से जुड़ा अर्थ)। इस गोत्र का संबंध पवित्रता और स्वर्णिम परंपरा से जोड़ा जाता है। 2. सामाजिक स्थान – सोनवानी गोत्र को अगरिया समाज में एक सम्मानजनक गोत्र माना जाता है। इस गोत्र के लोग पारंपरिक रूप से समाज के धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यों में अग्रणी भूमिका निभाते रहे हैं। 3. विशेषता – सोनवानी गोत्र के लोग प्रायः शुद्धता और नियमों के पालन में माने जाते हैं। विवाह आदि अवसरों पर यह गोत्र विशिष्ट धार्मिक जिम्मेदारी निभाता है। अन्य गोत्रों की तरह, यह गोत्र भी अपने अंदर विवाह संबंध नहीं करता (गोत्रांतर्गत विवाह निषिद्ध है)। 4. अगरिया ...
रायगढ़ छ. ग मे अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम 2025 सम्पन्न हुआ ll लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के नेतृत्व मे ll
लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के नेतृत्व मे ज़िला रायगढ़ के ग्राम - सराई पाली मे दिनांक - 20/04/2025 को अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम सम्पन्न हुआ ll अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम फाउंडेशन का एक बहुत ही अहम और मुख्य अभियान है जिसका उद्देश्य सम्पूर्ण भारत मे अगरिया जनजाति समाज को संगठित करना एवं समाज के सम्पूर्ण उत्थान एवं विकास मे फाउंडेशन द्वारा चलाये जा रहे मुहीम से अगरिया जनसमुदाय अवगत कराना है ll कार्यक्रम का आयोजन ज़िला इकाई रायगढ़ समिति ज़िलाध्यक्ष श्री उबरन अगरिया जी एवं पूरी ज़िला टीम के सफल प्रयास से संभव हुआ ll